Updated: Mon, 02 Jun 2025 06:00 AM (IST)
UP Mathura News | मथुरा में भूमि विवादों के कारण करोड़ों की विकास परियोजनाएं अधर में लटक गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र में सड़क निर्माण कल्याण मंडप सामुदायिक भवन और फूड प्लाजा जैसे कार्यों में रुकावट आ रही है। अतिक्रमण और स्टे ऑर्डर के कारण नगर निगम की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं जिससे शहर का विकास बाधित हो रहा है।
विवेक राजपूत, मथुरा। कान्हा की नगरी के विकास को अपनों की ही नजर लग रही है। तभी तो जिन परियोजनाओं के लिए भूमि का चयन किया गया, अब वहां भूमि विवाद सामने आने के बाद करोड़ों की परियोजनाएं अधर में लटक गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के आसपास क्षेत्र में सड़क निर्माण व समेकित विकास कार्य अतिक्रमण न हटने के कारण अटक गया है।
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इसके अलावा कल्याण मंडप निर्माण, वृंदावन में फूड प्लाजा और कृष्णापुरी तिराहा के समीप चर्च के समीप सामुदायिक भवन का निर्माण भी भूमि विवाद में फंसकर रह गया है। जिम्मेदार की लापरवाही के कारण नगर निगम की करोड़ों की परियोजनाएं अधर में लटक रही हैं। अगर जिम्मेदार ऐसे ही काम करते रहे तो शहर का विकास पूरी तरह थम जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कान्हा की नगरी को स्मार्ट बना रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत हर वर्ष 50 करोड़ रुपये से अधिक विकास कार्य के लिए दिए जा रहे हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रिड योजना से भी शहर का समेकित विकास कराया जा रहा है। वर्ष 2024 में नगर निगम ने मुख्यमंत्री ग्रिड योजना के तहत श्रीकृष्ण जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास गोविंद नगर में सड़क निर्माण एवं समेकित विकास के लिए 24 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी।
पहले कार्यदायी संस्था काम शुरू कराने में देरी करती रही। जब कंपनी ने कार्य शुरू कराया तो अतिक्रमण सबसे बड़ा अवरोध बन गया। छह माह से घरों के सामने डाले गए स्लैब एवं अन्य अतिक्रमण नगर निगम नहीं हटवा सका है। जिम्मेदार अधकिारी इस ओर शिथिलता बरत रहे हैं।
स्थानीय लोग एक तरफ से निष्पक्ष रूप से अतिक्रमण हटाने की कहकर सड़क नहीं बनने दे रहे हैं, लेकिन अधिकारी इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे। इसके कारण इस क्षेत्र के विकास में देरी हो रही है। इसी तरह वर्ष 2025 में जल निगम सी एंड डीएस ने सुनरख बांगर में कल्याण मंडप के निर्माण का प्रस्ताव मांगा। नगर निगम ने इसके लिए 400 वर्गमीटर भूमि चिह्नित कर ली। शासन ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इसकी टेंडर प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई। लेकिन, अब इस भूमि पर अतिक्रमण का विवाद सामने आ गया। क्षेत्रीय व्यक्ति ने यहां गिट्टी मोरम डालकर व्यवसाय शुरू कर दिया है, साथ ही उक्त भूमि पर स्टे आर्डर भी ले लिया है। जबकि, सरकारी भूमि का चिह्नांकन के जिम्मेदार ने ही यहां कल्याण मंडप के लिए प्रस्ताव दिया था। इस विवाद के कारण अब यहां कल्याण मंडप का निर्माण अटक गया है।
तीसरा मामला कृष्णापुरी तिराहा के समीप का है। चर्च के समीप नगर निगम ने सरकारी भूमि पर सामुदायिक भवन का प्रस्ताव बनाया था। इस प्रस्ताव को शासन से मंजूरी दे दी। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो गई। 53 लाख रुपये से बनने वाले इस सामुदायिक भवन पर ठेकेदार ने कार्य शरू कराने का प्रयास किया तो स्थानीय लोग अवरोध बन गए। इस भूमि पर भी स्टे आर्डर लेकर नगर निगम को करारा झटका दिया है।
इसी तरह वृंदावन में ओमेक्स सिटी के पास फूड प्लाजा का निर्माण कार्य भूमि विवाद में अटक गया है। यहां करीब 11 करोड़ रुपये से दुकानें बननी हैं, जिससे नगर निगम की कमाई होती। ये हाल तब है, जब नगर आयुक्त कई बार संबंधित अधिकारी को निर्देश दे चुके हैं। दूसरा नगर निगम में संपत्ति विवाद एवं अतिक्रमण हटाने के लिए अलग से अधिकारी की तैनाती है।
मगर, शिथिलता के कारण ही नगर निगम क्षेत्र में करोड़ों रुपये से विकास की परियोजनाएं पूरी नहीं हो पा रहीं हैं। ये भी हैं अवरोध गोविंद नगर क्षेत्र में नाला व सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। जलापूर्ति की पाइपलाइन डाली गई है। सीवर कनेक्शन हो रहे हैं। लेकिन, अतिक्रमण, बिजली की लाइन भूमिगत होना अभी बाकी है। इसके कारण कार्य में देरी हो रही है।
इनकी है जिम्मेदारी
नगर निगम क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाने और भूमि संबंधी मामलों की जिम्मेदारी सहायक नगर आयुक्त राकेश कुमार त्यागी की है।
गोविंद नगर क्षेत्र से पूर्व में अतिक्रमण हटवाया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने विरोध किया था। चेतावनी के बाद भी कुछ लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया है। अब पैमाइश के लिए टीम गठित की जा रही है। इसके बाद अतिक्रमण हटाया जाएगा। सुनरख में कल्याण मंडप के लिए प्रस्तावित नगर निगम की भूमि पर स्टे ले लिया है। इस मामले में पैरवी की जा रही है।
-राकेश कुमार त्यागी, सहायक नगर आयुक्त।
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