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    Sant Premanand: अफवाहों पर ना दें ध्यान... कैसा हैं संत प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य? खुद उन्होंने दिया हेल्थ अपडेट

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 09:26 AM (IST)

    Sant Premanand राधा नाम का प्रचार करने वाले संत प्रेमानंद महाराज ने अपने स्वास्थ्य को लेकर फैल रही अफवाहों का खंडन किया है। सोशल मीडिया पर उन्हें आईसीयू में भर्ती दिखाने वाले वीडियो को गलत बताया। उन्होंने कहा कि वे एकांतिक वार्ता में स्वस्थ हैं। संत प्रेमानंद ने कलियुग में झूठ के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त की और लोगों को झूठ से बचने की सलाह दी।

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    वृंदावन के संत हैं प्रेमानंद महाराज। फाइल

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। राधानाम का प्रचार प्रसार कर देश दुनिया में ख्याति प्राप्त कर लोगों को सनातन की राह पर चलने की दिशा दिखाने वाले संत प्रेमानंद ने पिछले दिनों रात्रिकालीन पदयात्रा अनिश्यितकाल के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद से संत के अनुयायी और देश के विभिन्न प्रांतों से दर्शन को आने वाले भक्तों में मायूसी छा गई।

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    एकांतिक वार्ता संत प्रेमानंद ने कहा कि मैं लगातार स्वस्थ

    इंटरनेट मीडिया पर संत प्रेमानंद के भ्रामक वीडियो प्रसारित होने लगे। किसी वीडियो में उन्हें आईसीयू में भर्ती दिखाया जा रहा है तो किसी में अस्पताल में उपचार चलता दिख रहा है। मंगलवार सुबह एकांतिक वार्ता में खुद ही संत प्रेमानंद ने इसका खंडन किया, कहा कि जो लोग हमें अस्पताल में भर्ती बता रहे हैं। वह देखें हम एकांतिक वार्ता में लगातार स्वस्थ्य दिख रहे हैं।

    संत प्रेमानंद पदयात्रा करते हुए। फाइल फोटो।

    तरह−तरह की भ्रांतियां फैला रहे इंटरनेट पर

    रमणरेती क्षेत्र स्थित श्रीराधा केलिकुंज में मंगलवार की सुबह एकांतिक वार्ता में देश के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं के सवालों के जवाब के बीच एक भक्त ने कहा आपके स्वास्थ्य को लेकर इंटरनेट मीडिया में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। संत प्रेमानंद ने स्पष्ट कहा हम तो तीन दिन से बड़ी जोर से एकांतिक वार्ता कर रहे हैं। लोगों को एकांतिक वार्ता भी देख लेनी चाहिए।

    झूठ का चलन अधिक हो गया है

    संत ने कहा, कि कलियुग का कुछ ऐसा प्रभाव हो गया है कि झूठ का अधिक चलन हो गया है। पता नहीं चलता लोग सत्य बोल कब रहे हैं। सत्य बोलना बहुत कठिन हो गया है। जहां हमें विश्वास है, वहां भी झूठ का प्रयोग हाे रहा है। हमें झूठ से बचना चाहिए। आज हम कह सकते हैं झूठ का बड़ा और सत्य का छोटा क्षेत्र रह गया है। हमें लगता है मोबाइल ही हमसे झूठ बुलवाता है।