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    यूपी के इस जिले में 307 करोड़ से तैयार हुआ बाईपास, 20 दिन बाद दिखेगी वाहनों की रफ्तार

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 03:24 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के एक जिले में 307 करोड़ रुपये से बाईपास बनकर तैयार हो गया है। इस बाईपास के शुरू होने से शहर में यातायात सुगम होगा और जाम की समस्या से निजात मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि 20 दिनों में इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

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    जागरण संवाददाता, मथुरा। नेशनल हाईवे-19 और यमुना-एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले उत्तरी बाइपास का निर्माण लगभग पूरा है। हालांकि हाइटेंशन लाइन की शिफ्टिंग के चलते अभी विधिवत उद्घाटन और आवागमन चालू होने में 20 दिन और लग सकते हैं। उत्तरी बाइपास की लागत करीब 307 करोड़ रुपये है। इसके बनने से मथुरा के फरह से आगरा के खंदौली तक मात्र 30 किमी की दूरी रह जाएगी और आवागमन में समय की बचत होगी। रैपुरा जाट से खंदौली मात्र 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा।

    वर्ष 2022 के अंत में फरह के रैपुराजाट से सादाबाद तक इस रोड का निर्माण कार्य शुरू हुआ। हिलवेज कंपनी ने निर्माण कार्य कराया, जबकि जिला प्रशासन ने मथुरा, महावन और हाथरस की सादाबाद तहसील के एक दर्जन किसानों की जमीन इस बाइपास निर्माण के लिए अधिग्रहीत की थी। दिल्ली-आगरा हाईवे के किलोमीटर 174 से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 141 पर ये बाइपास जोड़ा गया है। चार अंडरपास और यमुना पर एक पुल बनाया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी का काम भी हो चुका है। वर्तमान में बाइपास के नीचे सर्विस रोड की ओर बाउंड्रीवाल तैयार की जा रही है, ताकि वर्षा के दौरान मिट्टी कटान को रोका जा सके। जल्द ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।

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    बाइपास का सड़क मार्ग चूंकि एक माह पहले ही तैयार हो गया था, इसलिए आसपास के लोग अपने अपने वाहनों से आवागमन कर रहे हैं। हालांकि अभी बाइपास के विधिवत उद्घाटन में एक अड़ंगा लगा हुआ है। दरअसल अभी भी हाइटेंशन के शिफ्ट होने तक वाहनों के आवागमन का इंतजार करना होगा। दरअसल अभी चैनेज नंबर 11900 और 0500 पर आगरा से मथुरा आने वाली हाइटेंशन लाइन पूरी तरह शिफ्ट नहीं हुई है। अभी बाइपास के अगल-बगल के खंभे ऊंचे कर मुख्य रास्ते के ऊपर की लाइन तो ऊंची कर दी गई है, लेकिन उन खंभों से अगले दो-दो खंभे अभी ऊंचे नहीं हुए हैं। इसमें करीब 20 दिन लग सकते हैं। इसके बाद ही जेपी ग्रुप और एचएचएआइ अधिकारी बाइपास चालू होने की घोषणा करेंगे।

    यह होगा लाभ

    फरह से आगरा के खंदौली की दूरी करीब 45 किमी से ज्यादा है। खंदौली या इससे आगे जाने के लिए वाहनों को आगरा शहर में से होकर जाना पड़ता है, जहां जगह-जगह जाम लगता है। बाइपास चालू हो जाने से फरह से खंदौली की दूरी करीब 30 किमी रह जाएगी। इस बाइपास के माध्यम से लोग जाम से भी बच सकेंगे। स्थानीय लोगों के साथ ही ग्वालियर, जयपुर भरतपुर व मथुरा-आगरा के लोगों को भी जाम से मुक्ति मिलेगी। आगरा में अक्सर जाम के कारण ग्वालियर, जयपुर, फरीदाबाद से आने वाले वाहनों की बार्डर पर रोक दिया जाता है।

    अंडरपास से स्थानीय ग्रामीणों को लाभ

    उत्तरी बाइपास में चार अंडरपास बनने से क्षेत्रीय लोगों के लिए आवागमन की काफी सुविधा हो गई है। ये अंडरपास बलदेव के गांव कजौली घाट, लाल गढ़ी, बलदेव-सिकंदरा रोड और फरह के भदाया गांव में बनाए गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग -19 से पोपा का बुर्ज गांव के लिए अलग से सर्विस रोड बनाई है। यमुना पर एक पुल भी बनाया है। इससे आसपास के सैकड़ों गांवों के लिए आवागमन की सुविधा बेहतर हो जाएगी। न तो पैदल यात्रियों को बाइपास पार करना होगा और न वाहनों को कोई लंबा चक्कर लगाना होगा।

    उत्तरी बाइपास का निर्माण तो लगभग पूरा हो चुका है। केवल सर्विस रोड की ओर बाउंड्रीवाल निर्माण का काम चल रहा है। यह भी जल्द ही पूरा हो जाएगा। फिलहाल लाइन शिफ्टिंग का काम चल रहा है। यह भी काम 15 से 20 दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण और एनएचएआइ अधिकारी इसके उद्धघाटन की तारीख निर्धारित करेंगे। - रजत सोलंकी, प्रोजेक्ट मैनेजर, हिलवेज कंपनी