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    यूपी में 1.34 लाख किसान सरकारी योजनाओं के लाभ से हो सकते हैं वंचित, सामने आई ये वजह

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 03:02 PM (IST)

    मऊ में आधार कार्ड और खतौनी में नाम अलग होने से 1.34 लाख किसानों का फार्मर रजिस्ट्रेशन रुका हुआ है। किसान सुधार के लिए तहसील के चक्कर लगा रहे हैं, जिसस ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मऊ। आधार कार्ड और खतौनी में अक्षरों में हेरफेर होने से किसान का नाम मेल नहीं खा रहा है। इससे 1.34 लाख किसानों की फार्मर रजिस्ट्री अधर में लटकी हुई है।

    इसमें संशोधन कराने के लिए किसान तहसील का चक्कर लगा रहे है। वहीं फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराने योजनाओं के लाभ से किसान वंचित हो सकते है। इसे लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

    जिले में लगभग 2,85,051 किसानों का फार्मर रजिस्ट्री किया जाना है। अब तक 1,50,342 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा हो चुका है। वहीं 1,34,709 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री अधर में लटकी हुई है। इसमें अधिकांश किसानों का आधार कार्ड और खतौनी आपस में मेल नहीं खा रहा है।

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    साथ ही किसानों का नाम खतौनी के मूल कालम में भी दर्ज नहीं किया गया है। इसकी वजह से फार्मर रजिस्ट्री का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इससे किसान पूरी तरह से परेशान है। किसान खतौनी में संशोधन कराने के लिए तहसील का चक्कर लगा रहा है। इसके बाद भी किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

    इसकी वजह से दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले किसानों को काफी परेशानी हो रही है। यह सुबह से लेकर शाम तक तहसील के बाबुओं का चक्कर लगाकर निराश होकर वापस घर लौट जा रहे है। विभाग की मानें तो शासन स्तर से फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य किया गया है।

    योजना का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराने वाले किसान जल्द से जल्द संशोधन कराकर पंजीकरण करा लें। ताकि योजनाओं का लाभ मिलता रहे। दूसरी तरफ कृषि विभाग भी कैंप लगाकर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य करवाने में जुटा हुआ है।

    शासन की तरफ से भी फार्मर रजिस्ट्री कराए जाने पर फोकस किया गया है। नाम मिस्मैच ने विभागीय मंसूबों पर भी पानी फेर दिया है। कुल मिलाकर किसान के साथ विभाग भी हांफता नजर आ रहा है।

    फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य रूप से सभी किसानों को कराया जाना है। इसके पंजीकरण में आने वाली समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। सभी को योजनाओं का लाभ पाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री कराया जाना जरूरी है।
    सत्येंद्र सिंह चौहान, उप निदेशक कृषि