संपूर्णानंद संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी का पत्नी सहित मऊ में मार्ग दुर्घटना में निधन
मऊ जिले के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर एक तेज रफ्तार इनोवा गाड़ी ने ट्रेलर में टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में संविवि के पूर्व कुलपति हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी बादामी देवी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ)। थाना क्षेत्र के अहिरानी के पास वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर शनिवार की अल सुबह तेज रफ्तार इनोवा गाड़ी ने हादसा वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर अहिरानी के पास हुआ, जब पूर्व कुलपति की इनोवा गाड़ी ने ट्रेलर में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि इनोवा आगे से चकनाचूर हो गई, जबकि ट्रेलर का पिछला चक्का पंक्चर हो गया।
कार संविवि के पूर्व कुलपति चला रहे थे और ड्राइवर वैभव मिश्रा पीछे बैठा था। वैभव गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसे मऊ जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। हरेराम त्रिपाठी वाराणसी से अपने घर कुशीनगर जा रहे थे। सुबह 5:40 बजे उनकी कार अहिरानी के पेट्रोल पंप के पास खड़े ट्रेलर से टकरा गई। वह 2021 से 2023 तक सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रहे।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया, जबकि घायल चालक को सीएचसी दोहरीघाट पहुंचाया। जहां से चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख रेफर कर दिया। बिहार के जनपद गोपालगंज के मीरगंज निवासी हरेराम त्रिपाठी पुत्र भीम त्रिपाठी उम्र (60) अपनी पत्नी बादामी देवी (55) के साथ इनोवा गाड़ी से शनिवार की अल सुबह वाराणसी से घर जा रहे थे। इनोवा को हरेराम त्रिपाठी स्वयं चला रहे थे, जबकि चालक वैभव मिश्रा पीछे वाली सीट पर बैठा था। तीनों लोग वाराणसी से सुबह तीन बजे घर के लिए निकले थे।
सभी वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर अल सुबह 5.40 मिनट पर पहुंचे कि अहिरानी के पास स्थित एक पेट्रोल पंप के पास खड़े ट्रेलर में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि इनोवा के परखच्चे उड़ गए, जबकि ट्रेलर का पिछला टायर पंक्चर हो गया। घटना स्थल पर ही हरेराम त्रिपाठी और बदामी देवी की मौत हो गई। जबकि पीछे बैठा चालाक घायल हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को गाड़ी से बाहर निकाल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दोहरीघाट पहुंचाया, जहां स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं जेसीबी की मदद से इनोवा गाड़ी को ट्रेलर से बाहर निकाल अवागमन बहाल किया गया। वहीं हादसे के बाद परिजनों को सूचना दे दी गई है। जानकारी के बाद परिजन भी मौके पर पहुंच रहे हैं।
कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के थे वर्तमान कुलपति
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी बाद में कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर के कुलपति 2023 में बने थे। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने उन्हें कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर का नया कुलपति नियुक्त किया था। इसके पूर्व प्रो. त्रिपाठी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद का कार्यभार 12 जून 2021 को संभाले थे।
उत्तरप्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के प्रो. हरेराम त्रिपाठी को तीन वर्षों के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर नियुक्त किया था। ऐसे में उनका कार्यकाल 11 जून 2024 को समाप्त हो रहा था। इसके बाद कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर नियुक्ति होने से वह कार्यकाल पूरा करने से ही पहले ही संपूर्णानंद संस्कृत विवि से इस्तीफा दे दिया था।
कुशीनगर के थे मूल निवासी
मूल रूप से कुशीनगर में शंकर पटखौली के रहने वाले थे। प्रो. त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा देवरिया में ही हुई। वर्ष 1986 वह संस्कृत पढ़ने बनारस चले गए। रामाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय से उत्तर मध्यमा (इंटर) की परीक्षा उत्तीर्ण की। शास्त्री (स्नातक), आचार्य (स्नातकोत्तर) व पीएचडी तक की पढ़ाई संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से की। न्यायशास्त्र के प्रकांड विद्वान प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी के निर्देशन में वर्ष 1986 में पीएचडी की उपाधि ली। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1993 में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (रणवीर कैंप-जम्मू) में बतौर अनुसंधान सहायक पद से किया। छह माह बाद आपकी नियुक्ति श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दर्शन संकाय हो गई। वर्ष 2009 में सर्वदर्शन विभाग में प्रोफेसर बने। उनको वर्ष 2003 में महर्षि बदरायण राष्ट्रपति पुरस्कार, शंकर वेदांत, पाणिनी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से विशिष्ट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार व सम्मान मिल चुका है। उन्होंने 30 से अधिक ग्रंथों का संपादन व लेखन किया है।
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