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    UP News: प्रशासन की नाक के नीचे बिना पंजीकरण के चल रहा था अस्पताल, यहां से ही गुजरती हैं आला अधिकारियों की गाड़ियां

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 05:24 PM (IST)

    मऊ जिले में बलिया मोड़ पर एक हाईटेक अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहा था। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया और मामला दर्ज किया। जिले में कई अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं जिसके कारण विभाग पर सांठ-गांठ के आरोप लग रहे हैं। सीएमओ ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    प्रशासन की नाक के नीचे बिना पंजीकरण के चल रहा था अस्पताल

    जागरण संवाददाता, मऊ। बलिया मोड़ से हर दिन आला अधिकारियों की गाड़ियां फर्राटा भरती हैं। इसके बावजूद बिना पंजीकरण के हाईटेक अस्पताल संचालित हो रहा था और किसी की नजर भी नहीं पड़ी। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी हर दिन इधर से गुजरते हैं और इस अस्पताल का पंजीकरण जानने तक की जहमत नहीं उठाए।

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    यह काफी दिनों से प्रशासन की नाक के नीचे संचालित होता रहा। गुरुवार की रात जच्चा-बच्चा की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल पर केस दर्ज कराने के बाद सीज कर दिया। बिना पंजीकरण के चल रहे इस अस्पताल को पहले सील कर दिया गया होता तो जच्चा-बच्चा को बचाया जा सकता था।

    जनपद में कुल 110 पंजीकृत अस्पताल हैं। इसके बावजूद शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में बिना पंजीकृत अस्पतालों की भरमार हैं। गांवों की बात छोड़िए शहर में शहर क्षेत्र में भी बिना पंजीकरण के अस्पताल चल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। इन अस्पताल संचालकों के हाथ इतने लंबे हैं कि विभाग चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाता है।

    गुरुवार की रात बलिया मोड़ स्थित हाईटेक हास्पिटल में कोपागंज थाना क्षेत्र के फैदुल्लाहपुर निवासी 35 वर्षीय सुमन को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। आरोप है कि यहां अप्रशिक्षित डाक्टरों ने महिला का सीजेरियन प्रसव कराया। इसके बाद दोनों की हालत बिगड़ गई और मौत हो गई।

    जच्चा बच्चा की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया और तत्काल अस्पताल संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया है। अगर यही कार्रवाई पहले हो जाती तो शायद जच्चा-बच्चा की जान बचाई जा सकती थी।

    पूरे जनपद में यह चर्चा आम है कि विभाग के सांठ-गांठ से तमाम अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं और लोगों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह भी चर्चा है कि संबंधित अस्पतालों की राजनीतिक दलों में पैठ है और यह विभागीय अधिकारियों पर दबाव डालकर अस्पताल का संचालन करवाते हैं।

    जांच के लिए एक कदम रखने वाले विभागीय अधिकारियों को यहां से हटवाना इनके दाएं व बाएं हाथ का खेल है। फिलहाल जच्चा-बच्चा की मौत के बाद विभाग पूरी तरह से हरकत में आ गया है। बिना पंजीकरण के चल रहे अवैध अस्पतालों पर सख्त कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।

    बिना पंजीकरण के किसी भी अस्पताल को नहीं चलने दिया जाएगा। दोषी अस्पताल संचालक व डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए कई टीमें गठित कर दी गई है। पीएम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कदम उठाया जाएगा।  - डा. राहुल सिंह, सीएमओ मऊ।