Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:26 PM (IST)
मऊ जिले के दोहरीघाट में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे होने के बावजूद नदी के किनारे कटाव जारी है जिससे ग्रामीणों में दहशत है। सिंचाई विभाग द्वारा कटाव रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं हालांकि नदी की तेज धारा से ऐतिहासिक धरोहरों को भी खतरा है। विभाग जलस्तर पर लगातार नजर रख रहा है और कटानरोधी कार्य किए जा रहे है।
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ)। सरयू नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से 50 सेमी नीचे बह रही है। नदी का जलस्तर घटने से तटवर्ती खेत कटान की जद में आने लगे है। नदी एक दो स्थानों पर कटान भी कर रही है। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। वहीं कटान को रोकने के लिए विभाग की तरफ से लगातार प्रयास किया जा रहा है। सिंचाई विभाग ने आने वाले समय में जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बीते 24 घंटे में जलस्तर में 10 सेमी की कमी दर्ज की गई है। नदी का वर्तमान समय में जलस्तर 69.40 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि गौरी शंकर घाट स्थित मीटर गेज पर नदी का खतरा बिंदु 69.90 मीटर अंकित किया गया है। जलस्तर घटते ही एक बार फिर से तटवर्ती क्षेत्रों की खेती की भूमि कटान की जद में आ रही है।
नईबाजार के सरहरा पूरवे के सामने रुक-रुककर कटान होने से ग्रामीण भयभीत है। यहां पर कटान रोकने के लिए पेड़ की टहनियों व बोरे में मिट्टी व बालू भर किनारों पर डाला जा रहा है। नदी का जलस्तर कम होने से बाढ़ आने का खतरा फिलहाल टल गया है। इसके बावजूद नदी की तेज धारा तट से टकरा रही है। नदी के जलस्तर पर नजर डाले तो मंगलवार को 69.50 मीटर पर स्थिर थी। यह बुधवार को 10 सेमी घटकर 69.40 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर घटने से मुक्तिधाम घाट व भारत माता मंदिर के पास पानी का दबाव कम हो गया है। इससे सिंचाई विभाग राहत की सांस ले रहा है। लगातार जलस्तर घटने और कटान की आशंका से नगर के अनेक ऐतिहासिक धराहरों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
श्मशान घाट के दक्षिण तक नागा बाबा की कुटी के समीप नदी की धारा से सुरक्षा के लिए लगाए गए बार्डर से टकराकर लहरें खोह बना रही हैं। चिऊटीडांड़ रिंग बंधे के समीप डिघियां नाला से लेकर नवली तक कटान का खतरा मंडरा रहा है। नदी में बैकरोलिंग होने की वजह से तेजी से खनन हो रहा है। इसकी वजह से नदी गहरी हो रही है। जिससे कटान की भारी आशंका ग्रामीण जता रहे है।
नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से काफी ज्यादा नीचे आ गया है। कटान की आशंका को लेकर विभाग पूरी तरह से सतर्क है। कटानरोधी कार्य होने की वजह से कटान की आशंका काफी कम है। इसके बाद भी लगातार नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रहा है।- मनोज कुमार सिंह, अधिशासी अधिकारी, सिंचाई विभाग, मऊ
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।