ब्रेन हैमरेज से किशोर की मौत, सदमे में परदादी ने भी तोड़ दिया दम; एक साथ उठी अर्थी तो मच गया चीत्कार
मऊ के एक गांव में एक ही घर से 17 वर्षीय प्रपौत्र और 85 वर्षीय परदादी की एक साथ अर्थी उठने से शोक की लहर दौड़ गई। प्रपौत्र की दिल्ली में ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई जबकि परदादी ने यह दुखद खबर सुनकर दम तोड़ दिया। गांव में एक साथ दो अंतिम संस्कार हुए जिससे पूरा इलाका स्तब्ध है।

जागरण संवाददाता, करहां (मऊ)। जनपद के रानीपुर क्षेत्र अंतर्गत भिलहिली भतड़ी चकभतड़ी गांव में मंगलवार को उस समय शोक की लहर दौड़ गई, जब एक ही घर से 17 वर्षीय प्रपौत्र और 85 वर्षीय परदादी की एक साथ अर्थी उठी। गांव के इतिहास में शायद यह पहला मंजर है। इसमें एक पीढ़ी की शुरुआत और दूसरी पीढ़ी का अंत एक साथ श्मशान की ओर चला गया।
सत्रह वर्षीय विक्की सरोज अपने पिता श्यामसुंदर सरोज के साथ दिल्ली में रहकर कक्षा 11 की पढ़ाई कर रहा था। सोमवार अलसुबह वह जब नींद से उठा तो घर की सीढ़ियों पर झाड़ू लगाते समय अचानक संतुलन खो बैठा और गिरकर बेहोश हो गया। स्वजन उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बताया गया। दिल्ली से जैसे ही यह दुखद सूचना गांव में पहुंची, वैसे ही विक्की की 85 वर्षीय परदादी सोमारी देवी यह आघात सह न सकीं। सूचना मिलते ही उनका दिल बैठ गया और मौके पर ही उनकी भी हृदयगति रुकने से मृत्यु हो गई। गांव में एक ही दिन, एक ही घर में दो जनाजे उठते देख हर आंखें नम हो गईं।
मंगलवार की सुबह, जब विक्की का शव गांव लाया गया, तो पहले से तैयार परदादी सोमारी देवी की अर्थी के साथ उसे अंतिम यात्रा के लिए गाजीपुर के राजघाट ले जाया गया, जहां दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
गांव के लोगों ने बताया कि विक्की होनहार और मिलनसार छात्र था और उसकी परदादी सोमारी देवी पूरे मोहल्ले में अपने सौम्य व्यवहार के लिए जानी जाती थीं। दोनों की एक साथ मौत से परिवार ही नहीं, पूरा गांव स्तब्ध है। घर में कोहराम मचा है और परिजन अभी भी इस दुगने शोक को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
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