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    CGHS रिश्वत मामले में CBI ने अपर निदेशक समेत 3 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, 50 लाख घूस मांगी थी

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 09:44 AM (IST)

    मेरठ में सीबीआई ने सीजीएचएस के अपर निदेशक, कार्यालय अधीक्षक और एक निजी व्यक्ति के खिलाफ 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है। आरोप है कि उन्होंने हाईफील्ड अस्पताल का पैनल निलंबित करने की धमकी देकर रिश्वत मांगी थी। सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए दो आरोपियों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था और उनके घर से नकदी भी बरामद की थी। मामले में आगे की जांच जारी है।

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। सीबीआइ ने केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) मेरठ के अपर निदेशक डा. अजय कुमार, कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और निजी युवक रईस अहमद के खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। तीनों ने योजनाबद्ध तरीके से हाईफील्ड अस्पताल के सीजीएचएस पैनल का निलंबन करने की धमकी देकर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।

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    नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आशीष जैन नोएडा में रहते हैं। उनकी मां डा. मीरा जैन बैजल भवन के समीप रहती हैं। पास में स्थित उनके जैन मेडिकेयर अस्पताल का संचालन विशाल सलोनिया निवासी पांडव नगर करते हैं। वह पेपला इदरीशपुर स्थित हाईफील्ड स्पेशियलिटी हास्पिटल और रोहटा रोड स्थित जेएमसी मेडिसिटी स्पेशियलिटी हास्पिटल का संचालन भी करते हैं।

    विशाल ने बताया था कि सूरजकुंड स्थित स्वास्थ्य भवन में सीजीएचएस का कार्यालय है। सीजीएचएस के अपर निदेशक डा. अजय कुमार गोयल, कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी ने आठ जुलाई को उनके जेएमसी मेडिसिटी हास्पिटल और हाईफील्ड हास्पिटल का निरीक्षण किया। दोनों में खामियां बताते हुए जेएससी मेडिसिटी हास्पिटल का सीजीएचएस का पैनल निलंबित कर दिया। हाईफील्ड अस्पताल के सीजीएचएस पैनल का निलंबन करने की धमकी देकर 50 लाख रिश्वत मांगी।

    12 अगस्त को रिश्वत की रकम की पहली किश्त देने विशाल निजी कर्मचारी रईस अहमद के साथ सूरजकुंड स्थित जीसीएचएस कार्यालय पर गए थे। वहां पांच लाख रिश्वत लेते अजय कुमार और लवेश सोलंकी को सीबीआइ के डीआइजी विजेंद्र कुमार की टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया था। रईस को भी उनके साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

    अजय कुमार के घर से 29.50 लाख रुपये नकदी बरामद हुई थी। सीबीआइ ने तीनों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। रैकेट से जुड़े लोगों की जांच की जा रही है, जो अस्पतालों से दो प्रतिशत रकम लेकर बिलो का भुगतान करते हैं।