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    शामली के झिंझाना में बेचा जा रहा था नकली कीटनाशक, यूपीएल की विजिलेंस टीम ने मारा छापा

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Mon, 16 Aug 2021 09:43 PM (IST)

    यूनाइटेड फास्फोरस लिमिटेड (यूपीएल) कंपनी की विजिलेंस टीम ने पुलिस के साथ कस्बा स्थित पेस्टिसाइड की दुकान पर छापेमारी की। यहां से कंपनी के नाम से अनाधिकृत रूप से बेची जा रही कीटनाशक भारी मात्रा में मिली। 750 किलोग्राम कीटनाशक दुकान से मिला मालिक फरार।

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    झिंझाना में बेचा जा रहा था नकली कीटनाशक।

    शामली, जेएनएन। यूनाइटेड फास्फोरस लिमिटेड (यूपीएल) कंपनी की विजिलेंस टीम ने पुलिस के साथ कस्बा स्थित पेस्टिसाइड की दुकान पर छापेमारी की। यहां से कंपनी के नाम से अनाधिकृत रूप से बेची जा रही कीटनाशक भारी मात्रा में मिली। कीटनाशक को नकली बताते हुए कंपनी की ओर से दुकान मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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    यह है मामला

    पुलिस के मुताबिक गुजरात की कंपनी यूपीएल की टीम ने पांच अगस्त को दिल्ली की इंदिरा मार्केट में स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी की थी। वहां से नकली कीटनाशक बरामद हुआ था। इसके बाद पता चला कि झिंझाना में ऊन रोड स्थित संगल पेस्टिसाइड पर उनकी कंपनी के नाम से नकली कीटनाशक बेचा जा रहा है। 13 अगस्त को कंपनी के महाप्रबंधक (विजिलेंस) वासुदेव शीशपाल योगी टीम के साथ ङ्क्षझझाना पहुंचे। उन्होंंने कीटनाशक के पैकेटों को देखा तो उन पर कंपनी का नाम लिखा था, लेकिन कंपनी का बैच नंबर नहीं था। दुकान मालिक अर्पित संगल बिल भी नहीं दिखा सके। इस पर पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव को सूचना दी। 14 अगस्त को झ‍िंझाना थाना पुलिस के साथ विजिलेंस टीम ने दुकान से विभिन्न प्रकार का करीब 750 किलोग्राम कीटनाशक कब्जे में ले लिया। इस दौरान दुकान मालिक भाग गया। तहरीर में बरामद माल की कीमत 5.46 लाख बताई गई है। कंपनी के महाप्रबंधक ने बताया कि नकली कीटनाशक को उनकी कंपनी का रेपर लगाकर बेचा जा रहा था। थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह ने बताया कि अर्पित संगल पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    फसलों को हो सकता है नुकसान

    कृषि विज्ञान केंद्र शामली के वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि नकली कीटनाशक के इस्तेमाल से दोहरा नुकसान है। एक तो जिस कीट-रोग की रोकथाम के लिए छिड़काव होगा वह कारगर नहीं होगा। दूसरा किसान की जेब से पैसा भी चला जाएगा।

    इनका कहना है...

    हमारे स्तर से कोई कार्रवाई होती, इससे पहले ही यूपीएल के अधिकारियों ने कंपनी एक्ट, कीटनाशक अधिनियम आदि के तहत तहरीर दे दी थी। बरामद कीटनाशक नकली है या नहीं। यह तो लैब में जांच के बाद ही पता चलेगा। हो सकता है कि यूपीएल जांच कराए।

    -डा. एसके केसरी, उप निदेशक कृषि, शामली।