Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साढ़े 17 साल की उम्र में पा ली सरकारी नौकरी, 38 साल बाद खुला राज...अब हुआ यह सब

    By Anuj Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 01:11 PM (IST)

    मेरठ तहसील में तैनात एक लिपिक ने 17 साल की उम्र में नौकरी हासिल की, जिसका खुलासा 38 साल बाद हुआ। भ्रष्टाचार निरोधक दल ने उसे रिश्वत लेते पकड़ा था और उसकी संपत्तियों की जांच चल रही है। कमिश्नर के आदेश पर डीएम ने उसे नोटिस जारी किया है। उस पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

    Hero Image

    सदर तहसील में तैनात वरिष्ठ लिपिक ने 17 वर्ष सात माह की उम्र में ही नियमविरुद्ध नौकरी प्राप्त कर ली। (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सदर तहसील में तैनात वरिष्ठ लिपिक ने 17 वर्ष सात माह की उम्र में ही नियमविरुद्ध नौकरी प्राप्त कर ली। नौकरी मिलने के 38 साल बाद हुई जांच में इसका राजफाश हुआ।

    उक्त लिपिक को वर्ष 2020 में मवाना तहसील में तैनाती के दौरान एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते पकड़ा था। इसके बाद से उसकी संपत्तियों की खुली जांच भी एंटी करप्शन द्वारा की जा रही है। चूंकि, लिपिक के नियुक्ति अधिकारी डीएम हैं, इसलिए कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट के साथ डीएम को अपने स्तर से कार्रवाई करने का आदेश दिया है। डीएम ने आरोपित लिपिक को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    मीनाक्षीपुरम निवासी सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन ओमबीर सिंह ने सदर तहसील में तैनात वरिष्ठ लिपिक सुल्लड़ सिंह पर फर्जी नियुक्ति और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए 10 बिंदुओं पर शिकायत की थी। मंडलायुक्त ने एडीएम प्रशासन, एडीएम वित्त और मुख्य कोषाधिकारी समेत तीन अधिकारियों की जांच समिति गठित की थी।

    समिति ने जांच में लिपिक की नियुक्ति में धांधली के आरोप को सही पाया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जून 1987 को सुल्लड़ सिंह की नियुक्ति बतौर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हुई थी जबकि उसके दस्तावेजों में जन्मतिथि एक दिसंबर 1969 अंकित है। इसके मुताबिक नियुक्ति के समय उनकी आयु 17 वर्ष 6 माह 29 दिन थी जबकि नियुक्ति के लिए आयुसीमा 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

    समिति ने माना कि उनकी नियुक्ति सेवा नियमावली के विपरीत हुई है। वर्ष 2020 में मवाना तहसील में तैनाती के दौरान एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते पकड़े जाने, निलंबित किए जाने और उनकी संपत्ति की एंटी करप्शन द्वारा जांच किए जाने की पुष्टि भी जांच समिति ने की है।

    कमिश्नर के आदेश पर डीएम ने दिया नोटिस
    जांच में लिपिक की नियुक्ति नियम विरुद्ध पाई गई है। लिपिक के नियुक्ति अधिकारी डीएम हैं। लिहाजा कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट के साथ डीएम को अपने स्तर से कार्रवाई करने का आदेश दिया है। डीएम ने आरोपित लिपिक को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

    37 संपत्तियां जुटाने का आरोप
    शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त कैप्टन ओमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि उन्होंने लिपिक की 12 संपत्तियों के साक्ष्य एंटी करप्शन को सौंपे हैं। इस जांच में लिपिक की 30 ज्यादा संपत्तियां सामने आने का उन्होंने दावा किया है।

    जवाब मांगा गया है
    जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित लिपिक को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई होगी।

    डा. वी के सिंह, जिलाधिकारी