दीपावली से पहले गरजा सिंचाई विभाग का बुलडोजर, यूपी के इस जिले में चल रहा है अभियान
मेरठ में सिंचाई विभाग ने नहरबंदी के दौरान रजवाहों और माइनरों की सफाई के साथ अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। अवैध पुलों और अतिक्रमण को बुलडोजर से हटाया गया। गंगनहर में जलापूर्ति बंद होने के बाद, रजवाहों की सिल्ट सफाई की जा रही है। अम्हेड़ा में रजवाहे में पाइप डालकर बनाए गए पुलों को तोड़ा गया, जिससे अनाधिकृत कॉलोनियों को रास्ता दिया गया था। सिंचाई विभाग ने 3.28 करोड़ की धनराशि से 680 किमी रजवाहों की सफाई का लक्ष्य रखा है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। वार्षिक नहरबंदी कार्यक्रम में रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई के बीच सिंचाई विभाग ने अतिक्रमण के विरूद्ध अभियान चलाया। अभियान में रजवाहों पर अवैध पुलिया व अतिक्रमण को बुलडोजर से हटाते हुए कार्रवाई की गई। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विकास त्यागी ने बताया कि दो अक्टूबर की रात हरिद्वार से गंगनहर में जलापूर्ति बंद कर दी गई थी।
वार्षिक नहरबंदी में दीपावली तक सभी रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई की जा रही है। सफाई के चलते रजवाहों पर अवैध पुलियों व अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। बुधवार व गुरुवार को रजवाहा लोवर दौराला से अम्हेड़ा होते हुए अब्दुल्लापुर टेल तक बुलडोजर के साथ अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि अम्हेड़ा में पांच स्थानों पर रजवाहे में पाइप डालकर पुलिया बना दी गई थी। जिससे अनाधिकृत कालोनियों को रास्ता दिया गया।
इन्हीं पर बुलडोजर से पाइप उखाड़कर कार्रवाई की गई। रजवाहे से सभी पाइप बाहर निकालते हुए रजवाहे को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। हालांकि, सिंचाई विभाग की कार्रवाई का विरोध भी हुआ, लेकिन कार्रवाई जारी रही। एसडीओ सौरभ चौहान, अवर अभियंता हरीश चंद, रवि शर्मा, राहुल शर्मा, सचिन पाल, सींचपाल राजीव कुमार व अन्य मौजूद रहे।
रजवाहों व माइनरों में सिल्ट सफाई जारी
सिंचाई विभाग ने वार्षिक नहरबंदी के अंतर्गत गंगनहर से जुड़े रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई शुरू कर दी है। यह दीपावली तक जारी रहेगी। अधिशासी अभियंता विकास त्यागी ने बताया कि मेरठ, मुजफ्फरनगर व बुलंदशहर तीनों खंडों में कुल 680 किमी में रजवाहे व माइनर (अल्पिकाएं) साफ की जाएंगी।
इसमें रजवाहों व माइनरों की लंबाई क्रमश: 400 व 280 किमी है। इसके लिए शासन ने 3.28 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की है। वार्षिक नहरबंदी का उद्देश्य सभी रजवाहों व माइनरों की हेड व टेल (शुरूआती व अंतिम छोर) तक सिंचाई के लिए जल पहुंचाना है, जिससे किसानों को निर्बाध सिंचाई करने में आसानी हो। अधिशासी अभियंता ने कहा कि अतिक्रमण के विरूद्ध अभियान जारी रहेगा।
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