लाजिस्टिक प्लान बनेगा तो नहीं लगेगा मेरठ में जाम, यूपी के सात शहरों में मेरठ शामिल
मेरठ औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को गति देने के लिए मेरठ का माल परिवहन और माल संरक्षण केंद्रों का विकास होगा। इसके लिए सरकार सिटी लाजिस्टिक प्लान तैयार कराने जा रही है। चार अगस्त को खुलेगा टेंडर। एक्सप्रेस-वे और फ्रेट कारिडोर के किनारे बनेगा लाजिस्टिक पार्क।

मेरठ, जागरण संवाददाता। औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को गति देने के लिए मेरठ का माल परिवहन और माल संरक्षण केंद्रों का विकास होगा। इसके लिए योगी सरकार सिटी लाजिस्टिक प्लान तैयार कराने जा रही है। प्राइवेट कंपनी यह प्लान तैयार करेगी, इसके लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने टेंडर आमंत्रित किया है। चार अगस्त को टेंडर खुलेगा। लाजिस्टिक प्लान के तहत दो स्थानों पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के किनारे लाजिस्टिक पार्क बनाया जाएगा। इसके साथ ही अन्य प्रस्ताव शामिल होंगे।
सिटी डेवलपमेंट प्लान भी बनाया जा रहा
गौरतलब है कि शहर के लिए सिटी डेवलपमेंट प्लान भी बनाया जा रहा है, इस प्लान के तहत ट्रांसपोर्ट नगर को मोहिउद्दीनपुर खरखौदा रोड पर ले जाया जाएगा। यह है सिटी लाजिस्टिक प्लानसिटी लाजिस्टिक प्लान में किसी भी तरह के माल को उसके उठान वाले स्थान से उसको पहुंचाने वाले स्थान तक सुविधाजनक तरीके से पहुंचाने की व्यवस्था करना होता है, इसमें यह उद्देश्य होता है कि शहरवासियों को परेशानी न हो, जाम न लगे और माल खराब हुए बिना कम से कम समय में कम लागत में माल पहुंचाया जाए। इसलिए इसके तहत लोडिंग व अनलोडिंग सेंटर विकसित किया जाएगा। पार्सल डिलीवरी टर्मिनल बनेगा। रात के समय डिलीवरी की जा सकेगी। ट्रक रूट नए सिरे से तय होंगे। माल परिवहन वाहनों के लिए इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम लागू होगा।
प्रदेश के इन सात शहरों का बनेगा प्लान
-लखनऊ-कानपुर-बरेली-वाराणसी-आगरा-मथुरा -मेरठ 18 सप्ताह में प्लान बनेगा फिर सरकार को जाएगा
चयनित कंपनी सिटी लाजिस्टिक प्लान तैयार करेगी। 16 से 18 सप्ताह इसके लिए दिए जा सकते हैं। हालांकि टेंडर खुलने के बाद कंपनी से वार्ता के बाद तय होगा कि कंपनी कितने सप्ताह में प्लान तैयार कर पाएगी। फिर भी माना जा रहा है कि 18 सप्ताह से अधिक समय नहीं दिया जाएगा। प्लान तैयार होने के बाद उसे शासन को भेजा जाएगा। फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बैठक के बाद उसमें दिए गए प्रस्तावों के आधार पर जमीन खरीद व परियोजना पर काम करने के लिए बजट आवंटित करेगी।
लाजिस्टिक प्लान से इस तरह से होंगे बदलाव
-लाजिस्टिक पार्क में वाहनों को खड़ा करने के साथ ही माल को रखने के लिए वेयरहाउस होते हैं।
-लाजिस्टिक पार्क में सभी तरह के माल को रखने, उतारने व लदान की सुविधा होती है
-लाजिस्टिक प्लान के तहत ट्रांसपोर्टनगर और लाजिस्टिक पार्क को जोड़ा जाता है
-उद्योगों का वर्गीकरण होने के बाद उसकी मांग के अनुसार माल परिवहन वाहनों के लिए सड़क का नेटवर्क बनता है।
-प्रमुख स्थानों पर कंटेनर डिपो बनाए जाते हैं।
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