Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    यूपी के इस जिले में औद्योगिक गलियारा के लिए भूमि खरीद कर रही सरकार, पंचायत में उठी प्रोजेक्ट निरस्त करने की मांग

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 03:18 PM (IST)

    मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे के लिए चिह्नित गांवों के किसान जमीन बेचने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पंचायत में घोषणा की कि वे किसी भी कीमत पर जमीन नहीं बेचेंगे। किसानों का कहना है कि उनके पास थोड़ी जमीन है और इसे खोने से वे बेरोजगार हो जाएंगे और भूखमरी की स्थिति आ जाएगी। वे योजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

    Hero Image
    पंचायत में उठी मांग निरस्त करें औद्योगिक गलियारा प्रोजेक्ट

    जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित औद्योगिक गलियारा के दूसरे चरण के लिए चिह्नित तीनों गांवों की जमीन के मालिक किसानों ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट और तहसील में प्रदर्शन के बाद शनिवार को धरनास्थल पर ही पंचायत की और उसमें घोषणा की कि किसान अपनी जमीन की बिक्री औद्योगिक गलियारा के लिए नहीं करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भले ही इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन कोई भी कीमत दे। कहा कि इस क्षेत्र में अधिकांश किसान छोटे-छोटे जमीन के टुकड़ों वाले किसान हैं। उनकी जमीन यदि चली गई तो उनका रोजगार कुछ नहीं रहेगा। वे भूखों मर जाएंगे।

    औद्योगिक गलियारा के प्रथम चरण के लिए 200 हेक्टेयर में से 150 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था की जा चुकी है। यह जमीन किसानों से आपसी सहमति के आधार पर बैनामों के माध्यम से खरीदी जा रही है। शेष जमीन की खरीद के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। लेकिन अब जमीन नहीं मिल पा रही है। इसी बीच सरकार ने औद्योगिक गलियारा के दूसरे चरण के लिए 300 हेक्टेयर भूमि की मांग की।

    जिला प्रशासन द्वारा गोविंदपुर, खड़खड़ी और छतरी गांवों की भूमि चिह्नित करके प्रस्ताव भेजा गया। अब इस जमीन की खरीद के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इसी बीच इस क्षेत्र के किसानों ने औद्योगिक गलियारा के लिए भूमि न देने की घोषणा की है। वे पिछले आठ महीने से इसके विरुद्ध छतरी गांव के बाहर धरना दे रहे हैं।

    तीनों गांवों के सैकड़ों की संख्या में किसान शुक्रवार को कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद तहसील पहुंचे। वहां एसडीएम ने उनसे बातचीत की। लेकिन बात नहीं बनी।

    शनिवार को किसानों ने धरनास्थल पर ही पंचायत की। जिसमें तीनों गांवों के किसानों ने एक स्वर में औद्योगिक गलियारा के लिए जमीन न देने की घोषणा की।

    प्रमेंद्र प्रधान, कल्लू नागर, कुलदीप कुमार, शौपाल, राजकुमार, राजवीर, नरेंद्र कुमार नागर, बृजपाल प्रधान आदि किसानों ने कहा कि शुक्रवार को वार्ता के दौरान अधिकारियों ने किसानों को मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए रास्ते बताए थे लेकिन किसान किसी कीमत पर जमीन पर नहीं देंगे।

    उन्होंने कहा कि सरकार भले ही बाजारी रेट या उससे भी ज्यादा दाम दे लेकिन वे भूमि बिक्री करने वाले नहीं हैं। किसानों ने कहा कि तीनों गांवों में किसानों के पास पांच से 10 बीघा तक ही जमीन है। जमीन चली जाएगी तो उनके परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। उन्होंने इस योजना को इस स्थान पर निरस्त करने की मांग की। पंचायत में श्रीचंद, संतरपाल, वीरज त्यागी, पंकज त्यागी, महेश और रामदास ने भी अपने विचार रखे।