Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP Chakbandi: इन किसानों के लिए चकबंदी बन गई सिरदर्द, क्रेडिट कार्ड से लेकर सरकारी योजनाओं तक का नहीं मिल रहा लाभ

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    मेरठ के बिसौला गाँव में 2008 से चल रही चकबंदी प्रक्रिया 17 साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है जिससे किसान सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। भाकियू कार्यकर्ताओं ने चकबंदी अधिकारी के कार्यालय पर धरना दिया और प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग की। किसानों ने जमीन पर वारिसों के नाम दर्ज करने की भी मांग की जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।

    Hero Image
    गांव बिसौला में 17 साल से चल रही चकबंदी, धरने पर बैठी भाकियू

    जागरण संवाददाता, मेरठ। गांव बिसौला में वर्ष 2008 से चल रही चकबंदी प्रक्रिया की कार्रवाई 17 साल में भी पूरी नहीं हो सकी है। जिसके कारण किसानों को क्रेडिट कार्ड से लेकर किसानों के लिए संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चकबंदी की कार्रवाई को खत्म कराने की मांग तथा दो किसान परिवार की जमीन पर वारिसों के नाम दर्ज न करने के विरोध में भाकियू पदाधिकारियों और किसानों ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट परिसर स्थित चकबंदी अधिकारी के कार्यालय पर धरना दिया।

    भाकियू मंडल उपाध्यक्ष रविंद्र दौरालिया के नेतृत्व में चकबंदी अधिकारी कार्यालय धरने पर बैठे किसानों ने सिटी मजिस्ट्रेट नवीन कुमार श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपकर बताया कि बिसौला गांव में किसान परेशान हैं। चकबंदी प्रक्रिया 17 साल में भी पूरी न होने के कारण किसानों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

    उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया को पूरा कराने की मांग की। किसानों ने बताया कि बिसौला गांव में एक परिवार के दो किसानों की 42 बीघा जमीन पर वारिसों के नाम दर्ज किए जाने हैं लेकिन चकबंदी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।

    उन्होंने नाम दर्ज कराने तथा जांच कराकर कार्रवाई की मांग की। सिटी मजिस्ट्रेट ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। धरने में अब्दुल रहमान, हरेंद्र सिंह, मास्टर जसोरन, प्रशांत चौधरी सकौती, राजकुमार करनावल, प्रमोद कुमार शामिल रहे।