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    यूपी में चलाया जा रहा था अवैध टेलीफोन एक्सचेंज, China से कनेक्शन आया सामने; तीन गिरफ्तार

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    मेरठ के मवाना में एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया है जिसमें तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं। यह एक्सचेंज इंटरनेशनल कॉल को निजी सर्वर पर भेजकर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहा था। आरोपी विदेशी नंबरों को डायवर्ट करके चीनी कंपनियों से पैसे वसूल रहे थे। बिना लाइसेंस के चल रहे इस एक्सचेंज के तार चीन से जुड़े होने के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।

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    मवाना में पकड़ा अवैध टेलीफोन एक्सचेंज, चीन की कंपनियों से जुड़े है सीधे तार

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मवाना में चलाया जा रहा अवैध टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा है। मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। यहां पर इंटरनेशनल काल को निजी सर्वर पर लैंड कराकर मोबाइल पर ट्रांसफर किया जा रहा था।

    विदेशी नंबरों को डायवर्ट करने के लिए कई गेटवे को गच्चा दिया जा रहा था। बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे इस एक्सचेंज के माध्यम से छह महीने में आरोपित सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचा चुके हैं। उसकी एवेज में चीनी कंपनियों से रकम वसूली कर रहे थे।

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    हालांकि टेलीफोन विभाग इसका पूरा आकलन कर रहा है। यह एक्सचेंज पूर्व पकड़े गए टेलिफोन एक्सचेंज से एडवांस तकनीकी का है। इसके संचालन पर हर दिन कर्मचारी के रहने की जरूरत नहीं है, एक बार आन करने पर 15 दिनों बैगर देखरेख के संचालित होता है।

    मवाना का रहने वाला गुफरान मास्टर अाफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री कर चुका हैं। पूछताछ में गुफरान ने बताया कि अपने साथी अामिर और एक अन्य के साथ मिलकर सिम बाक्स के जरिये छह माह से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे।

    संचालक गुफरान विदेशी नंबरों को डायवर्ट करने के लिए कई गेटवे को गच्चा दे रहा था। टेलीफोन एक्सचेंज का कनेक्शन सीधे चाइनीज कंपनी से हैं। वहां की कंपनियां ही सिम बाक्स भेजती हैं, उसके बाद एक्सचेंज शुरू हो जाता है।

    एक्सचेंज का चीन से जुड़े होने के कारण राष्ट्रीय स्तर की जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई। माना जा रहा है कि इस काम से उसने राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा पहुंचाया होगा। गुफरान बिना लाइसेंस लिए ही टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर रहा था।

    एक्सचेंज के माध्यम से केवल भारतीय नंबरों से भारतीय नंबरों को ही काल की जाती है। इसके हिसाब से जितना टाकटाइम होता है उतना सर्विस प्रोवाइडर और सरकार को राजस्व दिया जाता है। जबकि, इंटरनेशनल काल गेटवे (आईसीजी) के माध्यम से भारत में आती हैं।

    इसमें जितनी लंबी बात होती है, उस हिसाब से राजस्व में सर्विस प्रोवाइडर, लाइसेंसधारी और सरकार का हिस्सा होता है। गुफरान आईसीजी को दरकिनार कर भारी भरकम सर्वरों और इंटरनेट क्लाउड के माध्यम से काल डायवर्ट कर रहा था।

    उसने काल लाइन आईडेंटीफिकेशन (सीएलआई) को भी बाईपास किया। इससे होता यह है कि किसी भी जांच एजेंसी को इस बात का पता नहीं चल सकता कि यह काल कहां से और कौन कर रहा है।

    सिम बाक्स में 32 कनेक्शन के माध्यम से लाखों मिनट विदेशी नंबरों पर बातचीत कराई गई हैं, सरकार और सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता कंपनी) को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया। उसके लिए आरोपित चीनी कंपनियों से रकम वसूली कर रहे थे।

    चीनी कनेक्शन सामने आया 

    मवाना में पकड़ा गया यह टेलिफोन एक्सचेंज सेटअप को आरोपित बंद कर चले जाते थे और यह काम करता रहता था। इसकी पूरी प्रक्रिया आटोमेटिक थी। चीन की कंपनी में रखे सर्वर से भी इस एक्सचेंज को कनेक्ट किया गया था। इससे एक्सचेंज में जो काल लैंड कराए जा रहे थे। उसमें बड़ी संख्या चीन से आने वाले काल के होने की आशंका है।

    मवाना से सर्विलांस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा हैं, जो चीनी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे। तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर मौके से सिम बाक्स भी कब्जे में लिए है। पकड़े गए आरोपितों से पुलिस की टीमें पूछताछ कर रही है। -डा. विपिन ताडा, एसएसपी