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    यूपी के इस शहर की 350 मीटर लंबी सड़क में 50 से ज्यादा गड्ढे, इनमें वाहन सवार खा रहे हिचकोले

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 02:58 PM (IST)

    Meerut News मेरठ शहर में घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक की सड़क जलभराव के कारण गड्ढों में तब्दील हो गई है। अतिक्रमण के कारण जलनिकासी बाधित है जिससे सड़क पर पानी भर जाता है। 2018 में बनी यह सड़क अब जर्जर हो चुकी है।इससे दिन में लगभग 35 हजार वाहन निकलते हैं।

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    घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक बदहाल सड़क l जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। बरसात से शहर में होने वाले जलभराव का असर अब दिखने लगा है। जिन डामर की सड़कों पर जलभराव हुआ है वह गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। ऐसी ही एक सड़क घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक है। बमुश्किल 350 मीटर लंबी है, लेकिन इसमें 50 से ज्यादा गड्ढे हो गए हैं। एसपी सिटी कार्यालय के सामने, अल करीम होटल से रामलाल छोले भटूरे की दुकान तक तो सड़क पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इन गड्ढों में वाहन सवार हिचकोले खा रहे हैं। अचानक गड्ढे आने पर ब्रेक लगाना पड़ रहा है। इससे दुर्घटना और जाम की स्थिति बन रही है।

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    यह सड़क एक तरफ रेलवे रोड चौराहे पर दिल्ली रोड और सिटी रेलवे स्टेशन वाली सड़क को तो दूसरी तरफ घंटाघर के पास कोटला बाजार से छतरी पीर तिराहा रोड, वैली बाजार और नगर निगम की रोड को आपस में जोड़ती है। पुराने शहर की सबसे व्यस्ततम सड़कों में से एक है।

    इस सड़क से दिनभर में लगभग 35 हजार वाहन निकलते हैं। इस सड़क पर जलभराव की बड़ी वजह अतिक्रमण है। सड़क के दोनों तरफ नाले-नालियों पर पक्के स्लैब बन गए हैं। जलनिकासी चोक पड़ी है। जरा सी बरसात में पानी सड़क पर भरता है। डामर की सड़क पानी भरने से टूट जाती है।

    पांच साल पहले पूरी हो गई थी गारंटी

    वर्ष 2018 में बच्चा पार्क, खैननगर, छतरी पीर तिराहा होते हुए घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक 1.19 करोड़ की लागत से डामर की सड़क बनाई गई थी। आरएस बिल्डर ने दो साल की गारंटी में यह सड़क बनाई थी। पांच साल पहले यह अवधि पूरी हो चुकी है। इसके बाद से निगम हर साल गड्ढे भरकर काम चला रहा है। हर साल बरसात में यह सड़क गड्ढे में तब्दील होती है। गनीमत ये है कि छतरी पीर तिराहे से कोटला नाले को कवर्ड करने के दौरान इस बीच की सड़क पीडब्ल्यूडी ने बना दी थी। जिससे छतरी पीर तिराहे पर दो गड्ढे छोड़कर कोटला बाजार तक सड़क सही है। लेकिन घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक पैदल चलने पर भी ठोकर लगने का खतरा है।

    व्हाइट टापिंग की सड़क बनी उदाहरण

    घंटाघर से रेलवे रोड चौराहे तक गड्ढों में सफर करके जब लोग चौराहे से दिल्ली रोड से जब सिटी रेलवे स्टेशन की तरफ बढ़ते हैं। उन्हें गड्ढा मुक्त सड़क मिलती है। बरसात में यह सड़क नहीं टूटी। व्हाइट टापिंग तकनीक से कंक्रीट की यह सड़क पांच करोड़ की लागत से 2024 में ठेकेदार बीआर गोयल ने बनाई थी।

    हालांकि इस सड़क किनारे अभी पेयजल लाइन डलनी है। जिसके चलते रोड पटरी का निर्माण शेष है। इस सड़क को जब निगम ने बनाना शुरू किया था तब विरोध भी हुआ था। लेकिन यह सड़क अब उदाहरण बन रही है। लोग कहते हैं कि ऐसी ही सड़कें बनाने की जरूरत है। जो कम से कम मेंटीनेंस मांगे।

    नगर निगम के मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि त्वरित समाधान के लिए निगम गड्ढे भरवा देगा। लेकिन इस रोड को स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट में पीडब्ल्यूडी ने लिया है। इसके लिए एनओसी मांगी गई थी। जो दे दी गई है।

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