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    यूपी के इस जिले में अधिकारी देते रहे आश्वासन की गोली, घायल सांड़ को 20 घंटे तक नहीं मिला उपचार, तड़पकर दम तोड़ा

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 02:22 PM (IST)

    Meerut News मेरठ के चाणक्यपुरी में एक घायल सांड़ ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने पुलिस और नगर निगम से मदद मांगी लेकिन 20 घंटे तक कोई उपचार नहीं मिला जिसके कारण सांड़ की जान चली गई। लोगों का कहना है कि समय पर उपचार मिल जाता तो सांड़ की जान बच सकती थी।

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    चाणक्यपुरी के तिलक पार्क के पास से मृत गोवंशी को उठाने पहुंची निगम की गाड़ी।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सड़कों पर घूमते निराश्रित गोवंशियों को आश्रय देने के नाम पर सरकारी डुगडुगी तो खूब बजती है लेकिन इस कर्तव्य के पालन में गंभीरता के बजाय औपचारिकता ज्यादा दिखााई देती है। कैंट क्षेत्र के चाणक्यपुरी में शुक्रवार को इसकी बानगी भी दिखी। बरसात के दौरान एक सांड़ फिसलने के बाद सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया।

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    क्षेत्र के लोगों ने थाने से लेकर नगर निगम के सूरजकुंड ट्रामा सेंटर व डीएम कार्यालय तक सूचना देकर मदद की गुहार लगाई। पुलिस व पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे लेकिन सांड़ को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय आश्वासन की गोली देते रहे। समय बीतने के साथ साड़ की हालत नाजुक होती गई। आखिर इलाज न मिलने पर जिंदगी से जंग लड़ रहे सांड़ की सांसें थम गईं।

    करीब 20 घंटे बाद नगर निगम कैटल कैचर मौके पर पहुंचा लेकिन तब तक सांड़ की मौत हो चुकी थी। लोगों का कहना है, यदि समय पर उपचार मिल जाता तो सांड़ की जान बच सकती थी। चाणक्यपुरी में तिलक पार्क निवासी कपिल मोहन शर्मा ने बताया कि गुरुवार शाम बरसात के दौरान एक सांड़ फिसलकर घायल हो गया था। इस बाबत गुरुवार शाम को ही सदर थाने में घटना की सूचना देते हुए मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद एक पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे थे। लोगों ने उनसे कहा था कि बीमार गोवंशी को जिला पशु चिकित्सालय या पशु ट्रामा सेंटर ले जाया जाए लेकिन उस वक्त साड़ को अस्पताल नहीं ले जाया गया।

    शुक्रवार सुबह फिर क्षेत्रीय लोगों ने डीएम कार्यालय और नगर निगम के सूरजकुंड ट्रामा सेंटर में घटना की सूचना दी। कहा, जल्द से जल्द वाहन भेजा जाए, ताकि घायल साड़ को इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा सके। वाहन शुक्रवार देर शाम को पहुंचा, लेकिन तब तक सांड़ की मौत हो चुकी थी। कपिल मोहन का कहना है, यदि समय से साड़ को उपचार मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी।

    नगर निगम के प्रभारी गोशाला कुलदीप कुमार का कहना है कि यह क्षेत्र कैंट बोर्ड के अंतर्गत आता है। दोपहर में सूचना मिलने पर नगर निगम ने वाहन भेजा था। सांड़ के संकरी गली में होने के कारण वाहन मौके पर नहीं पहुंच सका। इसके बाद चालक ने खुद मौके पर जाकर देखा था। तब तक सांड़ दम तोड़ चुका था। कर्मचारियों को बुलाकर उसे गली से बाहर निकाला गया है।

    डीएम डा. वीके सिंह का कहना है कि यह मामला जानकारी में नहीं है। शनिवार को इस बाबत मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से पशु चिकित्सक से रिपोर्ट ली जाएगी। पूछा जाएगा कि आखिर ऐसा कौन सा कारण रहा कि घायल सांड को अस्पताल नही ले जाया गया।