दशहरा की रात हरिद्वार से गंगनहर में जलापूर्ति बंद, दीपावली की रात तक रहेगी यह व्यवस्था, यह है इसका कारण
Meerut News सिंचाई विभाग द्वारा गंगा नहर से जुड़े रजवाहों और माइनरों की सिल्ट सफाई का कार्य किया जाएगा। 680 किमी क्षेत्र में सफाई के लिए 3.28 करोड़ र ...और पढ़ें

जागरण संवाददता, मेरठ। दो अक्टूबर की रात हरिद्वार से गंगनहर में जलापूर्ति बंद कर दी गई है। सिंचाई विभाग के अंतर्गत वार्षिक नहरबंदी कार्यक्रम में दीपावली की रात तक गंगनहर में जलापूर्ति बंद रहेगी। दीपावली की रात यानी 21 अक्टूबर को जलापूर्ति चालू की जाएगी। इस बीच गंगनहर से जुड़े रजवाहों व माइनरों में सिंचाई विभाग द्वारा सिल्ट सफाई की जाएगी।
अधिशासी अभियंता विकास त्यागी ने बताया कि सिंचाई विभाग के अंतर्गत मेरठ, मुजफ्फरनगर व अनूपशहर तीनों खंडों में कुल 680 किमी में सफाई होगी, जिसमें रजवाहों की लंबाई 400 किमी व माइनरों की लंबाई 280 किमी शामिल है। इस कार्य के लिए शासन ने 3.28 करोड़ धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। वार्षिक नहरबंदी का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए उनकी फसलों में निर्बाध रूप से पानी की आपूर्ति की जा सके। नहरबंदी का उद्देश्य है कि सिल्ट सफाई के बाद रजवाहे या माइनर की टेल (अंतिम छोर तक) पानी को सरलता से पहुंचाया जा सके, जिससे किसान फसलों की सिंचाई कर सकें।
12 हजार क्यूसेक रहती है गंगनहर में सामान्य जलापूर्ति
अधिशासी अभियंता ने बताया कि गंगनहर हरिद्वार से अलीगढ़ के नानू तक 290 किमी में प्रवाहित होती है। इसमें अपर गंगा कैनाल की मेरठ जिले के अंतर्गत 42 किमी की लंबाई शामिल है। गंगनहर में सामान्य रूप से लगभग 12 हजार क्यूसेक गंगाजल आपूर्ति की जाती है। हरिद्वार से गंगाजल बंद करने के साथ ही मेरठ व दिल्ली समेत तीन स्थानों पर जल रोक लिया जाता है, जिससे अगले 15 दिनों में रुक-रुक कर आपूर्ति की जा सके। इसमें मेरठ में भोला की झाल व दिल्ली में सोनिया विहार व भगीरथी प्लांट शामिल हैं, इन तीनों स्थानों पर नहर में गेट डाल कर बंद कर दिया जाता है। हरिद्वार से गंगाजल बंद होने के बाद इसका प्रभाव अगले 15 दिनों तक टेल तक पहुंचता है। इन दिनों में इन्हीं तीन जगहों से गंगाजल आपूर्ति की जाती है।

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