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    400+ AQI के साथ मेरठ देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, यूपी का ही ये शहर है पहले नंबर पर

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 09:52 PM (IST)

    मेरठ शुक्रवार को देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहाँ AQI 411 दर्ज किया गया। गाजियाबाद और हापुड़ क्रमशः पहले और तीसरे स्थान पर रहे। प्रदूषण के मुख्य कारण धूल, कूड़ा, पुराने वाहन और फैक्ट्रियों का धुआं हैं। हवा की गति कम होने और नियमों का पालन न होने से स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदूषण में जल्द सुधार की संभावना कम है।

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर में प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। शुक्रवार को मेरठ देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।पहली बार शाम चार बजे समग्र जनपद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 411 पर पहुंच गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के तीन सबसे प्रदूषित शहर मेरठ से सटे हुए हैं।

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    शहर का वायुमंडल प्रदूषित कणों और गैसों का चैंबर बन गया है। ऐसे में अत्यंत सावधानी बरतने की जरूरत है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देश के 243 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया गया। यह गुरुवार की शाम पांच बजे से शुक्रवार की शाम चार बजे तक का औसत वायु की गुणवत्ता को दर्शाता है। देश में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा यहां पर एक्यूआइ 422 और तीसरे नंबर हापुड़ में 406 रहा।

    प्रदूषण की बदतर स्थिति के लिए जिम्मेदार सड़कों पर उड़ रही धूल, जलता कूड़ा और खटारा वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं है। इसके साथ मौसम कारण की भी भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। हर वर्ष दिसंबर जनवरी के माह में प्रदूषण की स्थिति विकराल होती थी इस बार अभी कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है लेकिन प्रदूषण बेलगाम हो गया है।

    प्रदूषित कणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के पीछे हवा के वेंटिलेशन इंडेक्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सामान्य परिस्थितियों में कणों को एक स्थान पर जमने न देने के लिए यह इंडेक्स 6000 से अधिक होना चाहिए। लेकिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को यह 2850 वर्गमीटर प्रति सेकेंड था।

    ऐसे में केंद्रीय गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के प्राविधानों जैसे निर्माण सामग्री को ढ़क रखना, बड़े निर्माण कार्य पर रोक, खटारा वाहनों का संचालन प्रतिबंधित करना चाहिए। इसके साथ नियमित रूप से अधिक ट्रैफिक दबाव वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए। लेकिन इनका कोई पालन होता नहीं दिख रहा है। कुछ ही जगह पर पानी का छिड़काव हो रहा है।

    मौसम विभाग के अनुसार इसमें शनिवार को कुछ सुधार होने की संभावना है लेकिन उसके बाद के दो दिन यह फिर से मानक से काफी कम रहेगा। इसके साथ ही रात में नमी की मात्रा उच्च 93 प्रतिशत बनी हुई है। यही कारण है कि रात में दूषित गैसों और पीएम 2.5 और 10 की मात्रा अत्यधिक बढ़ रही है। कार्बन मोनो आक्साइड की सांद्रता दोपहर में 20 तक रही वह रात 115 तक तक पहुंच गई।

    सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. यूपी शाही ने बताया कि कोई मौसमीय सिस्टम सक्रिय नहीं होने से हवा स्थिर बनी हुई है। प्रदूषित कण निचले वायु मंडल में जमे हुए हैं। आगामी दिनों में रात का तापमान कम होने की आशंका है।