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    मेरठ का बड़ा कपड़ा कारोबारी बताया...था मस्जिद का इमाम, बात बिगड़ी तो इस तरह उतारा दूसरी पत्नी को मौत के घाट

    By Sushil Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 07:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सिवालखास में एक मस्जिद के इमाम ने अपने साथी के साथ मिलकर अपनी दूसरी पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, इमाम और उसकी पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते थे, जिससे तंग आकर उसने हत्या की योजना बनाई। पुलिस ने इमाम और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है और शव को बरामद कर लिया है।

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    पत्नी के हत्यारे व उसके साथी की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते एसएसपी। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मुजफ्फरनगर के चरथावल स्थित सैद नंगला की मस्जिद के इमाम ने साथी संग मिलकर दूसरी पत्नी की हत्या कर शव को सिवालखास के जंगल में गंगनहर पटरी के पास खेत में डाल दिया था। हत्या के 22 दिन बाद चरथावल थाने में महिला की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। पुलिस ने घटना का राजफाश करते हुए इमाम और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयोग की छुरी और रस्सी बरामद की गई है। इमाम ने छुरी से गला काटा और साथी नदीम ने रस्सी डालकर गला घोंट दिया था।

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    पुलिस लाइन स्थित सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि जानी थाना क्षेत्र के सिवालखास के जंगल में गंगनहर की पटरी के पास खेत में 17 सितंबर को 35 साल की महिला का शव मिला था। मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में आठ अक्टूबर को शहजाद निवासी कुरैशियान फलावदा हाल निवासी लक्खीपुरा लिसाड़ीगेट ने अपनी पत्नी नईमा यासमीन निवासी डिब्रूगढ़ आसाम की गुमशुदगी दर्ज कराई। बताया गया कि 16 सितंबर से महिला घर से गायब हो गई। न

    ईमा यासमीन के फोटो का शव से मिलान कर उसके पति शहजाद को मामले की जानकारी दी। नईमा को इमाम शहजाद अपने साथ नंगला सैद की मस्जिद में रखता था। वहां बताया गया था कि महिला अपने मायके आसाम चली गईं है। वहीं से पुलिस को इमाम की हरकतों पर शक हुआ। तब इमाम को थाने बुलाकर पूछताछ की गई। इमाम पहले से शादीशुदा है, उसके तीन बच्चे हैं। पहली पत्नी लक्खीपुरा लिसाड़ीगेट में बच्चों के साथ अपने मायके में रहती है। तब इमाम पर पुलिस को शक गहरा गया।

    जूस में नींद की गोलियां डाल किया बेहोश, फिर छुरी से गर्दन काटी
    एसएसपी ने बताया कि इमाम को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने बताया कि नईमा यासमीन को कपड़ा व्यापारी बताकर निकाह किया था। यहां आने पर उसे पता चला कि मस्जिद में इमाम हैं। साथ ही उसे पहली पत्नी के बारे में भी जानकारी मिली। तब उसने साथ रहने से इन्कार कर दिया। उसके बाद इमाम शहजाद ने अपने साथी नदीम निवासी मोहल्ला ऊंचा कस्बा फलावदा हाल निवासी अहमदनगर लिसाड़ीगेट को 12 हजार रुपये का लालच देकर पत्नी की हत्या में शामिल कर लिया।

    नईमा को नगला सैद चरथावल से कपड़े की खरीदारी कराने के लिए मेरठ बुलाया। यहां बेगमपुल पर जूस में नशे की गोलियां डालकर पिलाई। अर्धबेहोशी की हालत में उसे आटो में बैठाकर सिवालखास के जंगल में ले गए। वहां पर नदीम ने गले में रस्सी डालकर खींचा और शहजाद ने छुरे से गर्दन काटकर हत्या की।

    आनलाइन मुलाकात हुई, दिल्ली में निकाह किया और चरथावल में रहने लगे
    दिल्ली की मंडावली मस्जिद के इमाम रिफाकत से इमाम शहजाद की दोस्ती थी। आसाम में जमात पर गए रिफाकत की दोस्ती नईमा यासमीन की बड़ी बहन से हो गई। बड़ी बहन ने रिफाकत को नईमा का निकाह कराने के लिए अच्छा लड़का बताने को कहा। तब रिफाकत ने इमाम शहजाद को इसकी जानकारी दी। शहजाद ने नईमा का फोटो देखा और निकाह के लिए तैयार हो गया। उसने नईमा का मोबाइल नंबर लेकर बातचीत शुरू कर दी। शहजाद ने नईमा से छिपाया था कि उसका निकाह हो चुका है, उसके तीन बच्चे भी है।

    साथ ही खुद को मेरठ का बड़ा कपड़ा कारोबारी बताकर प्रेमजाल में फंसा लिया। नवंबर 2024 में शहजाद ने नईमा से निकाह कर उसे दिल्ली में किराए के मकान में रखा। पांच माह वहां पर रहने के बाद उसे चरथावल के नगला सैद की मस्जिद में लेकर आ गया। यहां पर नईमा के सामने शहजाद की हकीकत आ गई।