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    ठंड बढ़ रही है, हवा भी प्रदूषित है... खुद को बचाएं, ये Doctor's Tips अपनाएं

    By Om Bajpai Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 05:15 PM (IST)

    मेरठ में बढ़ते प्रदूषण और ठंड के कारण सांस की एलर्जी, सिरदर्द और ब्लड प्रेशर के मामले बढ़ रहे हैं। दैनिक जागरण के 'हेलो डॉक्टर' कार्यक्रम में डॉ. विश् ...और पढ़ें

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    मेरठ में बढ़ते प्रदूषण और ठंड के कारण सांस की एलर्जी, सिरदर्द और ब्लड प्रेशर के मामले बढ़ रहे हैं। (प्रतीकात्मक फोटो) 

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सर्दी में लगातार वृद्धि हो रही है। वायु प्रदूषण के मामले में शहर प्रदेश के पांच सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में बना है। ऐसे में सांसों में एलर्जी के मामले बढ़ गए हैं। सिरदर्द, एसिडिटी और उच्च रक्त चाप से लोग पीड़ित हो रहे हैं। रविवार को हेलो डाक्टर दैनिक जागरण के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पाठकों ने ऐसे रोगों को लेकर सवाल पूछे। वरिष्ठ फिजीशियन डा. विश्वजीत बैंम्बी ने उनको निदान और बचाव के बारे में बताया।

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    -ठंड लग गई है। जांच कराई तो ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। ब्लड प्रेशर की दवा भी शुरु की है। पैर की पिंडलियों में दर्द रहता है।-सुदेश कालरा, जागृति विहार,
    सर्दियों में शरीर की नसें संकुचित होती हैं। इससे कई बार ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक करवाते रहें। पिंडलियों में दर्द कई बार विटामिन डी और विटामिन बी 12 की कमी से होता है। इसका सप्लिमेंट ले सकते हैं। चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवा का सेवन करें।

    -अक्सर नजला रहता है। छींके आती हैं। सिर में दर्द रहता है।-रामवीर सिंह, किला परीक्षितगढ़
    आपको सांस की एलर्जी है। धूल और धुएं से बचें। उन कारणों को पहचाने का प्रयास करें, जिससे आपको छीकें आती हैं, उनसे बचाव करना होगा। नजले को नियंत्रित करना होगा। जिनका नजला लंबे समय तक चलता है उन्हें इसी के कारण माइग्रेन या साइनोसाइटिस होने की भी आशंका रहती है। एक्स रे और सीटी स्कैन की जांच करानी होगी।

    सफर के दौरान ठंड लग गई। ईसीजी और इको टेस्ट कराया जो ठीक रहा है। चिकित्सक ने ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ बताया है।-नरेंद्र, सुशांत सिटी
    जैसे लक्षण आपने बताए हैं, उससे लगता है कि आपको ब्लड प्रेशर की बीमारी है। इसके लिए नियमित रूप से दवाओं का सेवन जरूरी है। अगर ब्लड प्रेशर रहेगा तो हार्ट की अंदरूनी परत मोटी होने लगती हैं, 10-15 साल बाद इससे परेशानी पैदा होती हैं। ब्लड प्रेशर नापने का उपकरण ले लें और नियमित रूप से उसे नापें। नापने के आधा घंटे पहले कुछ खाया पिया नहीं होना चाहिए। अगर चल कर आए हों तो 10 मिनट विश्राम बाद मापें। आपकी उम्र 50 साल से अधिक है ऐसे में ब्लड प्रेशर 130 ऊपर का और 90 नीचे का होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो दवा नियमित और निर्धारित समय पर लेनी होगी।

    दो दिन पहले ठंड लग गई थी, उसके बाद से सिरदर्द और एसिडिटी की समस्या बनी हुई है।-गौरव कुमार, मानसरोवर कालोनी,
    सिर दर्द और एसिडिटी का आपस में संबंध होता है। सिरदर्द होता है तो पेट दर्द, गैस, एसिडिटी की परेशानी भी देखने में आती है। कई बार उल्टियां भी होती है। अक्सर लोग कहते हैं जब गैस बनती है तो सिर में टकराती है और दर्द होता है। वास्तव में इसका उल्टा होता है पहले सिर दर्द होता है और उसके बाद एसिडिटी की समस्या होती है। चिकित्सक से परामर्श के बाद दवाओं का सेवन करें।

    सर्दी जुकाम बना रहता है।-मयंक, सरस्वती लोक दिल्ली रोड
    सांसों की एलर्जी अलग-अलग लोगों में अलग अलग कारणों से होती है। कई कारणों से होती है। यह धूल, धुएं, परफ्यूम, फसलों की कटाई, धूप बत्ती, सीलन से भी हो सकती है और कोहरा, या किसी विशेष मौसम में भी हो सकती है। ऐसे में कारण आपको पहचाना होगा। उससे बचना ही उपाय है। चिकित्सक से परामर्श के बाद एंटी एलर्जी दवाओं का सेवन करें।

    मैने चाय पीने के बाद शुगर का टेस्ट कराया था तो 170 आया था। क्या मुझे शुगर की बीमारी है।-सुखवीर सिंह, सिवाया
    सात से आठ घंटे बिना कुछ खाए पिए शुगर का टेस्ट कराएं। इसके लिए सुबह उठ कर निराहार टेस्ट करना होगा। दूसरा टेस्ट पीपी शुगर होता है नाश्ता करने के दो से ढ़ाई घंटे के अंदर टेस्ट करना होगा। एचबीएवनसी टेस्ट भी कराएं यह पिछले तीन माह आपकी शुगर के स्तर को बताता है। यह यदि यह 6.5 से कम है तो वह प्री डायबटिक होते हैं उनकी शुगर व्यायाम और परहेज से ठीक हो जाती है।

    खांसी लंबे-लंबे समय तक बनी रहती है। पिछले 15 दिन से खांसी आ रही है। सीरप से कुछ देर के लिए आराम मिलता है।-सुनीता, रोहटा रोड
    छाती का एक्सरे और सीटी स्कैन कराएं। बलगम और पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट भी कराना होगा। सीरप से स्थाई लाभ नहीं होगा।

    शुगर की बीमारी है और इंसुलिन लेता हूं। वजन कम करने के लिए क्या मुजारों इंजेक्शन ले सकता हूं।-कुशल प्रधान, किठौर
    जब शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है तब इंसुलिन दी जाती है। आपको हर तीन में एचबीएवनसी टेस्ट भी करना होगा। आपकी उम्र 34 साल है, इसलिए लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए एचबीएवनसी टेस्ट की रिपोर्ट 6.5 से 6.8 तक के बीच होनी चाहिए। शुगर की बीमारी अपने साथ तीन चार बीमारी दोस्त के रूप में ले कर चलती है। कुछ साल बाद नई बीमारी लग जाती है। आपको अपना वजन 102 किलोग्राम है कम से कम 20 किलोग्राम वजन कम करना होगा। इसके लिए दौड़ लगाए शारीरिक श्रम करें। मुजारो इंजेक्शन के साइड इफेक्ट होते हैं बिना चिकित्सक की सलाह के न लें।

    छींके आती हैं, नजला रहता है और खांसी भी रहती है।-राहुल सिंह, शास्त्रीनगर
    आपको सांस की एलर्जी है। यह अनुवांशिक भी होती है। सावधानी न बरतने पर यह दमे का रूप भी ले लेती है। आपको एलर्जी के कारणों को पहचाना और उनसे बचना होगा। एंटी एलर्जिक दवाएं लेनी चाहिए। इस समय वायु की गुणवत्ता 350 से अधिक चल रहा है। पीएम 2.5 के कण फेफड़ों में सूजन पैदा करते हैं। बिना मास्क लगाए बाहर न जाएं।

    मेरी पत्नी को डाइजेशन ठीक नहीं रहता है। दिन में पांच-छह बार शौच जाना पड़ता है।-एससी जैन, शास्त्रीनगर
    आपको आइबीएस (इरिटेबल बवल सिंड्रोम) की बीमारी है। इसे चिड़चिड़ी आतों की बीमारी भी कहते हैं। इसमें कुछ विशेष खाने पीने की चीजों से आंतों को एलर्जी होती है। जैसे ही वह हम उनका सेवन करते हैं वह उसे बाहर निकालती हैं। मिर्च, मसाले, चिकनाई वाले भोजन से बचना चहिए। सरसों का साग, अरहर की दाल, मूली, खट्टी चीजें कम खाएं। एंटीबायोटिक का एक सप्ताह कोर्स करना होगा। कुछ दवाएं चिकित्सक की सलाह से नियमित रूप से लेनी होगी।

    जागरण के सवाल
    1. कमजोर इम्युनिटी वाले बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, डायबिटीज और हार्ट के मरीजों को ठंड में क्या विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
    - ऐसे लोगों को ठंड से बचना चाहिए। भीड़-भाड़ या अस्पताल जैसी जगहों जहां पर संक्रमण का अंदेशा हो वहां पर जाते समय मास्क का प्रयोग करना चाहिए। जिन खाने पीने की चीजों में जिंक हो जैसे कच्चा पनीर, बींस, दालों का, कच्चे सलाद का सेवन करें। नींबू, मौसमी संतरे का प्रयोग लाभकारी है। धूप में बैठना चाहिए।

    2. ठंड में हार्टअटैक के मामले क्यों बढ़ जाते हैं, क्या बचाव संभव है।
    -ठंड में तड़के तीन बजे से सुबह आठ बजे तक हार्ट अटैक के मामले सबसे अधिक होते हैं। क्योंकि हमारी नसें संकुचित होती है। सुबह अगर जल्द उठने की आदत हो सुबह जल्दी उठ कर बाहर न जाएं न ही सुबह-सुबह उठ कर ठंडे पानी से न नहाएं। धूप निकलने पर ही बाहर निकलें।

    3. कौन से लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
    - कमजोर इम्युनिटी वालों को अगर बुखार हो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। हार्ट के रोगियों को छाती में दर्द, पसीना आता है, घुटन होती है या धड़कन बढ़ती है तो चिकित्सक से मिलकर दवाओं में बदलाव करना चाहिए। सर्दी में आम तौर पर ब्लडप्रेशर वाली दवाओं की खुराक बढ़ानी पड़ती है।

    4. सैर के लिए कौन सा समय उपयुक्त है। हमारे कार्यस्थल और घर का तापमान कितना होना चाहिए।
    तड़के और स्माग के दौरान सैर नहीं करनी चाहिए। शाम को जल्द निकलें। जिस समय वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ हो उस दौरान टहलने नहीं जाना चाहिए। घर में ही योग करें। घर और कार्य स्थल का तापमान 18 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिये।

    5. निमोनिया के संक्रमण को कैसे पहचाने। क्या निमोनिया की वैक्सीन सभी को लगवानी चाहिए।
    -हमारे शरीर श्वास तंत्र दो भागों में बंटा होता है, उसी अनुसार संक्रमण भी दो प्रकार का होता है। गले से ऊपर और गले से नीचे। गले से नीचे संक्रमण होता है तो निमोनिया होता है। वहीं ऊपरी श्वास तंत्र में संक्रमण होने से जुकाम, गले में खराश, ड्राइ कफ। निमोनिया के संक्रमण में ड्राई कफ, सांस लेने में दिक्कत, घुटन महसूस होगी, पसलियां चलने जैसे लक्षण होते हैं। सांस लेने में सीटी की आवाज होती है। जिनको बार-बार निमोनिया होता है या लो इम्युनिटी वाले रोगियों को चिकित्सक की सलाह पर निमोनिया वैक्सीन लगवानी चाहिए।

    प्रोफाइल
    डा. विश्वजीत बैम्बी, वरिष्ठ कंसल्टेंट फिजीशियन हैं।
    1993 बैच के एमबीबीएस, लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज मेरठ
    2000 बैच के एमडी मेडिसिन लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज मेरठ