अनजान लिंक व OTP से रहें सावधान, व्यक्तिगत जानकारी न करें शेयर, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान, जानकारी को पढ़ें यह खबर
Meerut News मेरठ में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे पुलिस भी चिंतित है। साइबर अपराधी लोगों को शिकार बनाने से पहले उनकी व्यक्तिगत जानकारी जुटाते हैं। एसपी क्राइम अवनीश कुमार के अनुसार सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और ओटीपी या अनजान लिंक से बचें। मेरठ पुलिस ने अलाउद्दीन और आसिफ जैसे साइबर ठगों के गैंग को चिन्हित किया है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। साइबर ठगी के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं। उसने लोगों के साथ ही पुलिस की नींद भी उड़ा दी है। साइबर एक्सपर्ट की अब तक जानकारी में सामने आया है, लोगों को शिकार बनाने से पहले साइबर ठग उस व्यक्ति की व्यक्तिगत व अन्य जानकारी जुटाती है, जिसे शिकार बनाना होता है। इंटरनेट मीडिया पर ऐसी जानकारी को लगातार सर्च करने के बाद टारगेट तय किया जाता है।
सोशल मीडिया पर न दें व्यक्तिगत जानकारी
साइबर क्राइम की रोकथाम की जिम्मेदारी जिले में संभाल रहे एसपी क्राइम अवनीश कुमार बताते हैं कि साइबर ठगों से बचना है तो अपनी व्यक्तिगत जानकारी व सूचना का अपने तक सीमित रखें। किसी भी सूरत में इसे किसी से सांझा न करें।
फेसबुक, इंस्टाग्राम व अन्य इंटरनेट प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत जानकारी डालकर आप खुद साइबर ठगों को शिकार बनाने का आमंत्रण देने रहे हैं। उन्होंने बताया, साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका व सतर्कता यह है, आप किसी ओटीपी, अनजान नंबर, ऐप, लिंक को क्लिक करने या छेड़छाड़ करने से बचे।अपने मोबाइल, खाते, एटीएम, क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड लगातार बदलते रहें। किसी के प्रलोभन में न आए। कही भी इंवेस्टमेंट करने से पहले अच्छी तरह जानकारी जुटा लें। तभी कोई फैसला लें।
मेरठ पुलिस ने चिन्हित किए ये बड़े गैंग
अलाउद्दीन निवासी लिसाड़ी गेट
साइबर ठगी के लिए जनधन खातों का इस्तेमाल किया। ऐसे खाताधारक व गरीब लोगों के खाते खुलवाकर उन्हें साइबर ठगों को उपलब्ध कराया।इन्हीं खातों में साइबर ठगी के रुपये ट्रांसफर कर निकाले गए। पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। उससे 36 एटीएम, 27 बैंक पासबुक व 16 सिमकार्ड भी पुलिस ने बरामद किए थे।
आसिफ उर्फ सिप्पा निवासी मुजफ्फरनगर
आसिफ उर्फ सिप्पा ने साइबर ठगों से मिलकर वेस्ट यूपी में ऐसा नेटवर्क बनाया जो लोगों को लालच देकर उनके खाते खुलवाते थे। इसमें आए रुपये को निकालकर अपना कमीशन लेकर साइबर ठगों तक रुपया पहुंचाते थे। सैंकड़ों खाते व सिमकार्ड साइबर ठगों तक इन्होंने पहुंचाए।
जिले में यह है साइबर ठगी के मामलों की स्थिति
4 से 5 मामले रोज आते है साइबर क्राइम थाने पर
1 लाख रुपये से नीचे के मामले संबंधित थाने पर होते है दर्ज
148 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस
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साइबर क्राइम थाने में दर्ज मामलों की स्थिति
वर्ष-24 : दर्ज मामले 90
लोगों से धोखाधड़ी की धनराशि - 19 करोड़
बरामद राशि - 4 करोड़
गिरफ्तारी 113
वर्ष -25 : दर्ज मामले 68
लोगों से धोखाधड़ी की धनराशि - 3.60 करोड़ रुपये
बरामद राशि - 80 लाख
गिरफ्तारी - 35
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