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    Delhi Blast : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिर बढ़ीं आतंकी गतिविधियां... खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड पर

    By Sushil Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 12:54 PM (IST)

    पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही हैं, खासकर मेरठ, सहारनपुर और शामली में। एटीएस और इंटेलीजेंस सक्रिय हैं, और कई गिरफ्तारियां हुई हैं। एडीजी ने इंटेलीजेंस को मजबूत करने की बात कही है। पिछले 15 सालों में प्रदेश में लगभग 100 आतंकी पकड़े गए हैं, जिससे पता चलता है कि वेस्ट यूपी आतंकियों के निशाने पर है। खुफिया विभाग और एटीएस यूनिट मिलकर काम कर रहे हैं।

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    शामली के कस्बा झिंझाना के मुहल्ला शेखा मैदान में सलारा में एटीएस द्वारा गुजरात में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी का मकान व आजाद सुलेमान। (फाइल फोटो) 

    जागरण संवाददाता, मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर आतंकी गतिविधियों की परतें खुलने लग गई हैं। सहारनपुर से आतंकी डा. आदिल अहमद और अहमदाबाद से आइएसआइएस से जुड़े शामली निवासी आजाद की गिरफ्तारी के बाद से यह साफ हो गया है कि स्लीपर सेल सक्रिय हैं। संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी और दिल्ली में सोमवार को विस्फोट के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आतंकियों के स्लीपर सेल और उनके मददगार रडार पर ले लिए गए हैं। एडीजी भानु भास्कर का कहना है कि एटीएस और खुफिया एजेंसियों से पुलिस समन्वय बनाकर चल रही है। स्थानीय इंटेलीजेंस यूनिट को भी मजबूत किया जाएगा।

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    सहारनपुर से छह नवंबर को अनंतनाग निवासी आतंकी डाक्टर आदिल अहमद को गिरफ्तार किया गया था। आठ नवंबर को अहमदाबाद से आइएसआइएस से जुड़े शामली निवासी आजाद की गिरफ्तारी हुई थी। सहारनपुर में चिकित्सा कर्म के बहाने आतंकी डा. आदिल अहमद अपना नेटवर्क तैयार कर रहा था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियों ने सोमवार को सहारनपुर डेरा डाल दिया है।

    अस्पताल और आतंकी के किराये के मकान को खंगालने के साथ आदिल के साथी डाक्टरों से पूछताछ भी की गई है। जुलाई में भी गुजरात एटीएस ने अलकायदा से जुड़े चार आरोपितों को पकड़ा था, उनमें एक आरोपित मेरठ के किठौर स्थित ललियाना का रहने वाला जीशान अली था। इन गतिविधियों के बाद से एक बार फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश चर्चाओं में आ गया। पश्चिम की यह जमीन आतंकी गतिविधियों के केंद्र में रही है।

    15 साल में करीब 100 आतंकी पकड़े जा चुके
    15 साल में करीब 100 आतंकी पकड़े जा चुके हैं। इनमें एजाज शेख, शाहिद इकबाल भट्टी, उमर मोहम्मद उस्मानी, उसका बेटा तनवीर, बिलाल खान, अक्षय सैनी, तालिब अंसारी, आसिफ अली आदि शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न जिलों से करीब 232 आइएसआइ एजेंटों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-ताइबा और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर समेत कई जिलों में पनाह ले चुके हैं।

    2015 मेरठ से पकड़े गए पाक जासूस एजाज ने बताया था कि वेस्ट यूपी में आइएसआइ का बड़ा नेटवर्क है, जिसके एजेंट सेना की गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान पहुंचाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के युवाओं को बना रहे दहशतगर्द पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ कमांडर इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा (शामली निवासी) पश्चिमी उप्र में अपने एजेंट तैयार करने के लिए सक्रिय हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के युवाओं को इस्लाम का वास्ता और रुपयों का लालच देकर अपने साथ जोड़ रहे हैं।

    शामली से चार आइएसआइ एजेंट
    दो साल में शामली से चार आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार हुए, चारों ही गरीब घर से थे और मजदूरी करते थे। एटीएस की पूछताछ में भी राजफाश हुआ था कि इकबाल काना वाट्सएप, टेलीग्राम के जरिये बातचीत गजवा-ए-हिंद के नाम पर युवाओं को गुमराह करता है। साल 2022 में पाकिस्तान स्थित रिश्तेदारी में गए शामली निवासी कलीम को आइएसआइ कमांडर ने आइएसआइ के एजेंट की उपाधि दी गई थी। कलीम के मोबाइल फोन से वाट्सएप चैट, राफेल और सेना के ठिकानों के फोटो मिले थे। कलीम ने इन तस्वीरों को इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा को भेजा था।

    इंटेलीजेंस और एटीएस यूनिट को मजबूत किया जा रहा है
    आतंकी कनेक्शन को तोड़ने के लिए इंटेलीजेंस और एटीएस यूनिट को मजबूत किया जा रहा है। पुलिस संदिग्ध आतंकियों की धरपकड़ में सहयोग कर रही है। एटीएस और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हैं। आतंकियों के मददगारों की गोपनीय तरीके से जांच चल रही है।-भानु भास्कर, एडीजी मेरठ जोन

    बेटा देश विरोधी तो नहीं देंगे साथ
    बेटा देश विरोधी तो नहीं देंगे साथ स्थानीय पुलिस ने शामली में आजाद के परिवार के अन्य सदस्यों को निगरानी पर ले लिया है। आजाद के पिता सुलेमान ने कहा कि यदि बेटा देश विरोधी है तो वह हमारा नहीं है, हम उसका साथ नहीं देंगे। अगर निर्दोष है तो उसको छोड़ दिया जाए। सवाल उठाते हुए सुलेमान ने कहा कि मैं आज तक दिल्ली से आगे नहीं गया, मेरा बेटा कैसे गुजरात पहुंच गया।
    -आजाद सुलेमान शेख आदिल अहमद