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    मीरजापुर में कोबरा से भिड़कर वफादार जर्मन शेफर्ड "बादल" ने बचाई परिवार की जान

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 04:03 PM (IST)

    मीरजापुर के बबुरा गांव में एक जर्मन शेफर्ड ‘बादल’ ने अपने मालिक के परिवार को कोबरा सांप से बचाया। बादल ने सांप को मार डाला लेकिन उसे सांप ने भी डस लिय ...और पढ़ें

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    मीरजापुर में वफादार कुत्‍ते ‘बादल’ ने बचाया परिवार।

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर। ज‍िले के छानबे ब्लॉक के बबुरा गांव में इंसान और जानवर के रिश्ते को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। आशीष सिंह के घर में घुसे एक कोबरा सांप पर उनके जर्मन शेफर्ड ‘बादल’ ने बहादुरी से हमला किया। इस साहसी कुत्ते ने सांप को घर से बाहर खदेड़ते हुए उसे मार गिराया। हालांकि, इस संघर्ष के दौरान सांप ने बादल को तीन बार डस लिया, जिससे अंततः दोनों की जान चली गई।

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    बादल की बहादुरी ने आशीष सिंह के परिवार को एक गंभीर खतरे से बचा लिया। जब सांप घर में घुसा, तब परिवार के सदस्य भयभीत थे। ऐसे में बादल ने अपने मालिक की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई की। उसने न केवल सांप से लड़ाई की, बल्कि उसे खेत तक खदेड़कर मार भी डाला। लेकिन इस संघर्ष में सांप के काटने के कारण बादल की भी जान चली गई।

    आशीष सिंह ने भारी मन से बादल का अंतिम संस्कार किया। उन्होंने अपने प्यारे कुत्ते के लिए एक कब्र खोदी और उसे सम्मानपूर्वक दफनाया। गांव के लोग बादल की वफादारी की प्रशंसा कर रहे हैं और उसकी बहादुरी की कहानियाँ सुनाते हुए उसकी याद में श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

    बबुरा गांव में इस घटना ने सभी को भावुक कर दिया है। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे एक जानवर ने अपने मालिक के परिवार की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह घटना न केवल इंसान और जानवर के बीच की गहरी दोस्ती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जानवरों में भी अपने मालिक के प्रति अपार प्रेम और समर्पण होता है।

    बादल की बहादुरी ने यह साबित कर दिया कि जानवर केवल पालतू नहीं होते, बल्कि वे परिवार के सदस्य की तरह होते हैं। उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस घटना ने गांव के लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें अपने पालतू जानवरों के प्रति और अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार होना चाहिए।

    बादल की कहानी क्षेत्र में एक प्रेरणा बन गई है, जो हमें यह सिखाती है कि वफादारी और साहस का कोई मोल नहीं होता। यह घटना न केवल एक कुत्ते की बहादुरी की कहानी है, बल्कि यह इंसान और जानवर के बीच के अनमोल रिश्ते का प्रतीक भी है।