गंगा में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त, नहीं मिल सकी है पीड़ितों को राहत सामग्री
मीरजापुर के कोन क्षेत्र में गंगा बाढ़ से लगभग 100 परिवार प्रभावित हैं। घरों में पानी घुसने से लोग छत पर रहने को मजबूर हैं और पशुओं के चारे की समस्या है। बाढ़ चौकियों की स्थापना के बावजूद पीड़ितों को राहत सामग्री नहीं मिल पाई है जिससे उनमें नाराजगी है।

जागरण संवाददाता चील्ह ( मीरजापुर)। विकासखंड कोन क्षेत्र में गंगा बाढ़ के कारण बाढ़ प्रभावित परिवारों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घर के चारों तरफ गंगा बाढ़ का पानी होने के कारण अपने हाल पर भगवान भरोसे रह रहे हैं। अब गांव वालों के सामने बाढ़ एक विकराल समस्या बन चुका है।
विकासखंड कोन क्षेत्र के हरसिंहपुर, मल्लेपुर,मठिया, पुरवा आदि गांव के लगभग 100 परिवारों के घरों में गंगा बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके साथ ही उनके चारों तरफ गंगा बाढ़ का पानी फैला हुआ है। गंगा बाढ़ के कारण भगवान भरोसे अपने घरों के छत पर अथवा ऊंचाई वाले स्थान पर रह रहे हैं।
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विशेष कर बाढ़ प्रभावित परिवारों के पशुओं के लिए चारा की विशेष समस्या है जिसके लिए वह परेशान दिखाई देते हैं। बताया जाता है कि गंगा बाढ़ को देखते हुए क्षेत्र के जूनियर हाई स्कूल तिलठी और विकासखंड कोन कार्यालय के पास बाढ़ चौकी बनाई गई है जो बाढ़ प्रभावित गांवों में जाकर गंगा बाढ़ पर नजर बनाई हुई है। किंतु बाढ़ पीड़ितों को राहत के नाम पर लंच पैकेट की भी व्यवस्था नहीं कर पाई। जिसको लेकर बाढ़ प्रभावित परिवारों में नाराजगी देखी गई।
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गंगा में बाढ़ के कारण क्षेत्र के अकबर पट्टी से भोगांव जाने वाली मार्ग, करेरुआ से मुजहेरा खुर्द जाने वाली मार्ग तथा मुजेहरा खुर्द से मुजेहराकला जाने वाली मार्ग एवं हरसिंहपुर -मल्लेपुर से मझरा कुटी जाने वाली मार्ग तथा मुजहेरा से चेकसारी गांव जाने वाली मार्ग पर गंगा बाढ़ का पानी चल रहा है जिससे उक्त मार्गों पर आवागमन बंद हो गया है।
इसके अतिरिक्त क्षेत्र के लगभग एक दर्जन तटीय गांव के खेतों में गंगा बाढ़ का पानी फैल चुका है और गंगा बाढ़ का पानी बस्तियों की तरफ बढ़ रही है। क्षेत्र के राजधर दुबे, हरिशंकर सरोज, सूर्यभान सरोज, भारतेंदु यादव, जीत लाल, योगेश यादव, संतोष शुक्ला आदि लोगों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने की मांग किया है।
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