Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Diwali 2025 Date: 20 या 21 अक्टूबर? ज्योतिषाचार्यों ने बताया दीपावली और लक्ष्मी पूजन के लिए कौन-सा दिन रहेगा शुभ

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 08:39 PM (IST)

    इस वर्ष दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी क्योंकि इस दिन अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष और निशीथ काल का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दीपावली रात्रि का पर्व है और इस दिन लक्ष्मी पूजन करना विशेष फलदायी होता है। 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि तो रहेगी, लेकिन प्रदोष काल का योग नहीं होने से दीपावली 20 को ही मनाई जाएगी।

    Hero Image

    20 या 21 अक्टूबर? ज्योतिषाचार्यों ने बताया कब मनाई जाएगी दीपावली

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। दीपावली को लेकर इस बार लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है, क्योंकि अमावस्या तिथि दो दिन 20 और 21 अक्टूबर को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दीपावली रात्रि का पर्व है और इसका संबंध प्रदोष काल और निशीथ काल से है। इस वर्ष यह दोनों शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को ही अमावस्या तिथि के साथ मिल रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की दोपहर तीन बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम पांच बजकर 54 मिनट तक रहेगी। लेकिन चूंकि दीपावली रात में मनाई जाती है, इसलिए 20 अक्टूबर की रात को ही लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि प्रदोष काल में पूजा से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    शास्त्रों में दीपावली को रात्रि का पर्व माना गया है। मां लक्ष्मी की आराधना प्रदोष काल और निशीथ काल में करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष ये दोनों मुहूर्त 20 अक्टूबर की रात में अमावस्या तिथि के साथ ही आ रहे हैं। इसीलिए 20 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाना शुभ रहेगा।

    महंत रामगिरी ने भी बताया कि 20 अक्टूबर को काली चौदस की रात्रि है, जिसे दीपावली की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस रात में दीपदान और लक्ष्मी पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

    21 अक्टूबर को सिर्फ दिन में रहेगा अमावस्या काल

    21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि शाम पांच बजकर 43 मिनट तक ही रहेगी, लेकिन इस दौरान प्रदोष या निशीध काल का योग नहीं रहेगा। इसलिए इस दिन दीपावली का रात्रि पर्व नहीं मनाया जाएगा।

    हालांकि, जो लोग कार्यालयों या प्रतिष्ठानों में कर्मियों के साथ पूजा करना चाहते हैं, वे 21 अक्टूबर की सुबह अमावस्या तिथि के दौरान लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं। परंतु मुख्य पूजा और दीपदान 20 अक्टूबर की रात में ही किया जाना श्रेष्ठ रहेगा। अधिकांश हिंदू त्योहार उदया तिथि यानी सूर्योदय के समय उपस्थित तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं, पर दीपावली इसका अपवाद है। यह रात्रि का पर्व है, जो अमावस्या की रात को प्रदोष काल में मनाया जाता है।

    इस वर्ष उदया तिथि 21 अक्टूबर को रहेगी, लेकिन अमावस्या के साथ प्रदोष और निशीथ काल 20 अक्टूबर को ही पड़ रहे हैं। इसी कारण धर्मशास्त्रों और पंचांगों के अनुसार दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाई जाएगी।