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    घर पर नमाज, स्कूल में हनुमान चालीसा; UP के इन स्कूलों में पेश की जा रही है भाईचारे की मिसाल

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Tue, 08 Aug 2023 07:44 PM (IST)

    ऐसे 23 स्कूलों में एक हजार से अधिक मुस्लिम बच्चे मजहब से ऊपर उठकर संस्कारों की शिक्षा ले रहे हैं। किताबी ज्ञान के साथ स्कूलों का अनुशासन भी मुस्लिम परिवारों को पसंद आ रहा है। जनपद में विद्या भारती के 23 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। सुबह प्रार्थना के समय अलग-अलग गतिविधियों के साथ मध्याह्न को भोजन मंत्र और छुट्टी होने पर वंदे मातरम का गायन होता है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

    तेजप्रकाश सैनी, मुरादाबाद : धर्म के नाम पर जहां लोगों को बंटने-बांटने की बात होती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विद्या भारती के स्कूलों में सांप्रदायिक सौहार्द की मशाल जल रही है। बच्चे घर पर नमाज पढ़ते हैं, तो स्कूल में हनुमान चालीसा। रामायण की चौपाई से भी इन्हें परहेज नहीं है। सरस्वती वंदना व गायत्री मंत्र भी कंठस्थ है। वंदे मातरम कहने से भी इन्हें परहेज नहीं है।

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    शहर में ऐसे 23 स्कूलों में एक हजार से अधिक मुस्लिम बच्चे मजहब से ऊपर उठकर संस्कारों की शिक्षा ले रहे हैं। किताबी ज्ञान के साथ स्कूलों का अनुशासन भी मुस्लिम परिवारों को पसंद आ रहा है। जनपद में विद्या भारती के 23 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। सुबह प्रार्थना के समय अलग-अलग गतिविधियों के साथ मध्याह्न को भोजन मंत्र और छुट्टी होने पर वंदे मातरम का गायन होता है।

    कृष्णा बाल विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य ओम प्रकाश बताते हैं कि स्कूल में अनुशासन व संस्कार के साथ अच्छी शिक्षा देना ही उद्देश्य हैं। सभी धर्मों के बच्चे अनुशासन का पालन करते हैं। सभी हमारे लिए बराबर हैं। एक दूसरे से प्रेम और भाव के साथ हिंदू और मुस्लिम बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं।

    फिजा के परिवार के 11 सदस्य विद्या मंदिर में पढ़े

    रतनपुर कला की फिजा सैफी कृष्णा बाल विद्या मंदिर में 12वीं तक पढ़ाई करके बीएड कर रही हैं। फिजा के अलावा इनके सभी भाई-बहन, चचेचे भाई-बहन, बुआ समेत 11 बच्चों ने यहां शिक्षा ग्रहण की है।

    फिजा कहती हैं कि परिवार में भी गायत्री मंत्र और वंदे मातरम का कोई विरोध नहीं है। इटायला माफी के सैफ अली ने भी विद्याभारती के स्कूल में 11वीं व 12वीं की पढ़ाई की। यहीं से पढ़ाई के बाद उन्हें पीएसी में नौकरी मिली है।

    सैफ कहते हैं कि स्कूल में बिना भेदभाव के पढ़ाई की। फिरोज पुलिस में नौकरी कर रहे हैं। कहते हैं कि गायत्री मंत्र, शांति पाठ और भोजन मंत्र भी करते थे। अच्छा लगता था।

    मो. समीर बताते हैं कि मेरे और चाचा के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़े हैं। विद्या भारती (मेरठ पश्चिम प्रांत) के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य डा.विशेष गुप्ता बताते हैं कि जिले में विद्या भारती के 23 स्कूलों में 14500 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं।

    हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के बच्चे यहां पढ़ते हैं। 1000 से ज्यादा मुस्लिम बच्चे भी हैं। गायत्री मंत्र, वंदे मातरम भी होता हैं। स्कूलों में सांप्रदायिक सौहार्द की भावना का पाठ पढ़ाया जाता है। अभिभावक भी आते हैं और तारीफ करते हैं कि आपके यहां अनुशासन व संस्कार अच्छे होने की वजह से प्रवेश दिलाया है।

    सिंचाई विभाग में अवर अभियंता के पद पर कार्यरत अभिभावक ताहिर हुसैन ने बताया कि घर में हमारे बच्चे नमाज पढ़ते हैं। विद्या भारती स्कूल का अनुशासन और संस्कार देखकर ही हमने बच्चों को प्रवेश कराया है। वहां संस्कार भी सिखाया जा रहा है। वंदे मातरम और गायत्री मंत्र आदि का हमें कोई विरोध नहीं है।