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    मुरादाबाद में 1970 करोड़ के टर्नओवर पर 36.67 करोड़ की GST चोरी, अरुणाचल और दिल्ली तक फैला सिंडिकेट

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 02:41 PM (IST)

    मुरादाबाद में 1970 करोड़ के टर्नओवर पर 368 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। अरुणाचल प्रदेश की एसके इंटरप्राइजेज से शुरू होकर दिल्ली और यूपी तक फैले इस नेटवर्क में फर्जी बिलिंग और आइटीसी का खेल चल रहा था। जांच में कई फर्में फर्जी पाई गईं और अधिकारियों ने आगे की जांच शुरू कर दी है।

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    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। 1970 करोड़ के टर्नओवर पर 368 करोड़ की जीएसटी चोरी सामने आने के बाद जांच में हर दिन नई चीज सामने आ रही है। अरुणाचल प्रदेश की एसके इंटरप्राइजेज पर हुई जांच ने जीएसटी चोरी के एक बड़े नेटवर्क की परतें खोल दी हैं।

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    यह फर्म सितंबर और अक्टूबर 2025 में अचानक सक्रिय हुई और 36.67 करोड़ रुपये का टर्नओवर दिखाया। इस अवधि में 7.14 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हुई, जिसे खुद उपयोग करने के बजाय फर्जी खरीद–बिक्री के जरिए नई दिल्ली की एसएल इंटरप्राइजेज को पास कर दिया गया।

    शुरुआती स्तर पर यह सामान्य व्यापारिक लेन-देन जैसा दिखा, लेकिन कड़ियां जोड़ने पर सामने आया कि पूरा सिस्टम सिर्फ फर्जी बिलिंग और फर्जी आइटीसी जारी करने के लिए खड़ा किया गया था। नई दिल्ली की एसएल इंटरप्राइजेज ने प्राप्त आइटीसी को आगे दो हिस्सों में बांटकर पास किया।

    2.70 करोड़ के टर्नओवर पर 48 लाख की आइटीसी दो जगह जारी की गई, जिसमें से एक हिस्सा मेरठ की डीके इंटरप्राइजेज को भेजा गया। यहां जांच में दूसरी गड़बड़ी सामने आई। मेरठ स्थित डीके इंटरप्राइजेज मार्च 2024 में सक्रिय हुई थी, लेकिन इसकी टैक्स प्रोफाइल किसी सामान्य कारोबारी फर्म जैसी नहीं दिखी।

    वर्ष 2024-25 में 268.70 लाख रुपये का टर्नओवर दिखाया गया, जबकि 275.33 लाख रुपये की आइटीसी पास की गई, जो किसी भी तरह से सामान्य व्यापारिक अनुपात नहीं है। इसी तरह 2025-26 में 181.93 लाख के टर्नओवर पर 196.83 लाख की आइटीसी पास की गई, जो स्पष्ट रूप से फर्जी लेनदेन की ओर इशारा करती है।

    इधर दूसरी तरफ, नई दिल्ली स्थित एसएल इंटरप्राइजेज ने भी बड़े स्तर पर फर्जी आइटीसी बांटने का काम किया। इस फर्म ने उत्तर प्रदेश की 16 फर्मों को 26.64 करोड़ के कथित माल पर 5.5 करोड़ रुपये की आइटीसी पास की। जांच में पता चला कि इनमें कई फर्में ग्राउंड पर मौजूद ही नहीं थीं, जबकि कुछ का कारोबार कागजों में ही चलता था।

    यह पूरा खेल ऐसे पकड़ा गया

    जीएसटी इंटेलिजेंस टीम को शुरुआत में केरला की जीके ट्रेडर्स पर संदेह हुआ, जिसने 27 करोड़ की आइटीसी दिल्ली की एसआर ट्रेडर्स को पास की थी। जब एसआर ट्रेडर्स की जांच हुई तो सामने आया कि इस फर्म ने दिल्ली के चार व्यापारियों और उत्तर प्रदेश की 20 फर्मों को आइटीसी पास की थी।

    इनमें 10 फर्में सक्रिय थीं और 10 फर्में पहले ही कैंसिल की जा चुकी थीं। एसआइबी (विशेष अनुसंधान शाखा) ने सक्रिय फर्मों के रिकार्ड खंगाले तो नाम आया मेरठ की डीके इंटरप्राइजेज का।

    जब इसकी गतिविधियों में गहराई से जांच हुई तो धागा नई दिल्ली की एसएल इंटरप्राइजेज तक पहुंचा। वहां से कड़ी आगे बढ़ी और आखिरकार यह पूरा नेटवर्क अरुणाचल प्रदेश की एसके इंटरप्राइजेज तक जाकर जुड़ाकेरला की फर्म की जांच करने पर अरुणांचल प्रदेश की फर्म और इसके बाद दिल्ली और दिल्ली से मेरठ तक की फर्म के नाम सामने आए हैं। जीएसटी चोरी पकड़ में आने के बाद संबंधित जनपद के अधिकारियों के लिए पत्र जारी कर दिया गया है। इसकी अभी जांच की जा रही है। इसमें और भी फर्म के नाम सामने आने की आशंका है।

    अशोक कुमार सिंह, अपर आयुक्त ग्रेड वन राज्यकर