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    भारतीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी में 112 देशों के पहुंचे ग्राहक, तीन हजार करोड़ के ऑर्डर की उम्मीद

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 01:21 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में आयोजित प्रदर्शनी में 112 देशों के 6736 खरीदारों ने भाग लिया, जिससे तीन हजार करोड़ के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। विदेशी खरीदारों ने भारतीय हस्तशिल्प की गुणवत्ता और नवाचार की सराहना की। निर्यातकों को 2026 में वापस आने का भरोसा दिलाया गया। इस प्रदर्शनी से अमेरिकी टैरिफ के बाद कारोबार में आई मंदी से जूझ रहे निर्यातकों के चेहरे खिल उठे।

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    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। अमेरिकी टैरिफ के बाद कारोबारी मंदी से मुरझाए निर्यातकों के चेहरों पर मुस्कान बिखर गई। ग्रेटर नोएडा इंडिया एक्सपो मार्ट सेंटर में लगी प्रदर्शनी का शुक्रवार को समापन हो गया। 112 देश के करीब 6736 खरीदारों ने भारतीय हस्तशिल्प को पसंद किया। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, स्पेन, जापान, कोरिया, सिंगापुर, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों के खरीदार प्रदर्शनी में पहुंचे थे।

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    तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये के आर्डर मिलने की संभावना है। विदेशी खरीदारों ने आर्डर दिए। कुछ ने उत्पाद की जानकारी करने के बाद आर्डर जाने के बाद फाइनल करने के लिए कहा है। इस लिहाज से मुरादाबाद के निर्यातकों के पास खर्च पूरे करने भरके आर्डर हो गए हैं। पूरे उत्साह के साथ विदेशी ग्राहकों को विदाई दी गई। साथ ही 2026 की प्रदर्शनी में वापस आने का भरोसा भी विदेशी ग्राहकों ने दिया।

    समापन पर हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ईपीसीएच अध्यक्ष डा. नीरज खन्ना ने कहा यह संस्करण भव्य प्रदर्शन और विशाल दृष्टिकोण के साथ एक शानदार आयोजन रहा। आयोजक, प्रदर्शक और पूरे हस्तशिल्प क्षेत्र ने मिलकर इसके मानकों को ऊंचा किया है। आगामी फरवरी 2026 संस्करण इस आयोजन को इस स्तर से भी आगे जाने को तैयार है।

    आइएचजीएफ दिल्ली फेयर आटम 2025 ने विश्वभर से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का स्वागत किया। ईपीसीएच महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आइईएमएल के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने कहा हमारे प्रदर्शक, जो अब ईपीसीएच के नेतृत्व में भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेकर वैश्विक समुदाय का हिस्सा बन चुके हैं, खरीदारों की अपेक्षाओं और बाजार प्रवृत्तियों की बहुमूल्य समझ लेकर लौटते हैं।

    नए उत्पाद नवाचारों ने व्यापार में वृद्धि हुई है। कई प्रदर्शकों ने अपने क्रेता सूची का विस्तार किया। ईपीसीएच मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल ने कहा पांच दिनों में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री राकेश सचान, यूपी औद्योगिक विकास, निर्यात संवर्धन, एनआरआइ एवं निवेश संवर्धन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने भी मेले की शोभा बढ़ाई।

    आईएचजीएफ दिल्ली मेला–आटम 2025 के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने व्यापार आगंतुकों की प्रतिक्रिया साझा की। उन्होंने बताया कि खरीदार कारीगरों और नए उद्यमियों को बड़े और स्थापित प्रतिभागियों के साथ शामिल किए जाने की सराहना कर रहे हैं। ईपीसीएच कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने बताया 112 देशों से लगभग 6736 क्रेता, क्रय प्रतिनिधि और घरेलू उत्पाद के लिए क्रेता मेले में आए।

    जिसका परिणाम निकला कि तीन हजार करोड़ के आर्डर निर्यातकों को मिलने की संभावना बन गई है। ईपीसीएच उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा, जैसे-जैसे मेला सोर्सिंग सीज़न के समापन की ओर बढ़ा, हमने देखा कि हमारे नियमित खरीदार निर्यातकों के साथ अपने व्यापार में निरंतर बने रहे। इसमें यस चेयरमैन जेपी सिंह, आशीष अग्रवाल समेत अन्य तमाम निर्यातक रहे।

    विदेशी खरीदार बोले गुणवत्ता परक भारतीय उत्पाद

    स्पेन से आए उरको एट्कोटेगी, जो यूरोपीय बाजार के लिए गृह सज्जा और गृह वस्त्रों का व्यापार करते हैं ने साझा किया, कि यह वास्तव में मेरी दसवीं यात्रा है। मैं बार-बार लौटता हूं क्योंकि उत्पाद सुंदरता से बनाए जाते हैं।

    भारतीय हस्तशिल्प की गुणवत्ता हमेशा अलग पहचान रखती है। वर्षों से कीमतें काफी स्थिर रही हैं, जो नियमित खरीदारों के लिए एक अच्छी बात है। यूके की एक खरीदार भारतीय निर्यातकों से मिलने और लंदन स्थित अपने डिपार्टमेंटल स्टोर के लिए लाइटिंग और घरेलू उत्पाद को लेकर खुशी जाहिर की।

    उन्होंने कहा, मेरे पिछले दौरे के बाद से अब काफी बदलाव दिखे हैं। सब कुछ बेहतर प्रतीत होता है, जैसे एप जैसी तकनीक से लेकर उपलब्ध सुविधाएं तक। हालांकि शुल्क के कारण कीमतें थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन प्रदर्शित गुणवत्ता और नवाचार इसे पूरी तरह से सार्थक बनाते हैं।

    ग्वाटेमाला की खरीदार चार्ली सेलेचनिक ने कहा भारत फर्नीचर और गृह सज्जा उत्पादों के लिए उनका प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य बना है। आस्ट्रेलिया की खरीदार जेम्मा राबर्ट्सन, जो भारतीय हस्तनिर्मित आभूषण और महिलाओं के फैशन विशेष रूप से बैग में रुचि रखती हैं, पहली बार मेले में आईं। उन्होंने उत्साह के साथ कहा, मैं यहां जो कुछ भी देख रही हूं, वह बहुत बेहतर है।

    आटम-2025 में इन देशों के पहुंचे ग्राहक

    अमेरिका की टीजेएक्स कंपनीज, जर्मनी की ट्रिपल एक्सएलयूटीजेड, दुबई के लैंडमार्क ग्रुप, संयुक्त राज्य अमेरिका की वीसीएनवाई होम, बेनजारा इंक.-अमेरिका, कलालौ इंक, अमेरिका, लोलोई इंक, अमेरिका टारगेट, नीदरलैंड्स इंट्राटुइन, स्पेन कावेहोम, कनाडा माया कलेक्टिव, बेल्जियम पोमैक्स, जापान सुगिता ऐस कंपनी, सऊदी अरब द ड्रेसिंग रूम, फ्रांस अमेडियस, यूनाइटेड किंगडम आर्टिसन फ़र्निट्यू, आस्ट्रेलिया बाहास प्राइवेट, रूस रेटेहोम, रूस डैन्टोन-होम, इजराइल मिडबार, ब्राजील एलपी इम्पोर्ट्स, जापान लोनलो, तुर्की लेरुचे, न्यूज़ीलैंड ले-फोर्ज आदि के प्रतिनिधियों ने मेले का निरीक्षण किया। निर्यातकों से उत्पाद को लेकर विस्तृत चर्चा भी की।