By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 25 May 2025 08:34 PM (IST)
माध्यमिक शिक्षा परिषद इंटरमीडिएट में गैर-प्रायोगिक विषयों के लिए आंतरिक मूल्यांकन शुरू करेगा जिससे छात्रों को लाभ होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार यूपी बोर्ड ने शासन को प्रस्ताव भेजा है जिसे 2026-27 सत्र से लागू किया जा सकता है। गैर-प्रायोगिक विषयों में 20 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा जबकि लिखित परीक्षा 80 अंकों की होगी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। माध्यमिक शिक्षा परिषद अब हाईस्कूल की तरह इंटरमीडिएट की कक्षा 11 और 12 के गैर प्रायोगिक विषयों में आंतरिक मूल्यांकन लागू कराएगा। इससे इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुपालन में प्रस्तावित बदलाव को लेकर यूपी बोर्ड की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद 2026-27 शैक्षणिक सत्र से इसे लागू किया जाएगा। वर्तमान में बोर्ड की ओर से इंटरमीडिएट में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गृह विज्ञान जैसे विषयों में 30-30 नंबर की प्रायोगिक परीक्षा कराई जाती हैं।
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इन विषयों में 70 नंबर की लिखित परीक्षा होती है। वहीं हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र जैसे गैर प्रायोगिक विषयों में 100-100 नंबर की लिखित परीक्षा कराई जाती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बोर्ड की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में गैर प्रायोगिक विषयों में भी 20-20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन कराने को कहा गया है। साथ ही प्रायोगिक परीक्षा के 30-30 अंकों को घटाकर 20-20 नंबर की प्रयोगात्मक परीक्षा कराने का प्रस्ताव तैयार किया है।
अगले सत्र से इंटर में 20 नंबर की प्रायोगिक परीक्षा और 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन होगा। जबकि लिखित परीक्षा सभी विषयों में 80-80 नंबर की होगी। -- हाईस्कूल में 14 साल पहले हुआ था बदलाव यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ और 10 के सभी विषयों में 2011-12 शैक्षणिक सत्र से 30 अंकों की प्रायोगिक (प्रोजेक्ट व सृजनात्मक कार्य) और आंतरिक मूल्यांकन पद्धति लागू की थी। उससे पहले 100 नंबर की बोर्ड परीक्षा होती थी। 2012 की हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में सभी विषयों में 70 अंकों की लिखित परीक्षा कराई गई थी।
अभी इस विषय में हमारे पास कोई लिखित निर्देश नहीं आए हैं। जानकारी के अनुसार विभाग ने इस विषय में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जहां से मंजूरी मिलने पर इसे लागू किया जाएगा। देवेंद्र कुमार पांडे, जिला विद्यालय निरीक्षक
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