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    योगी सरकार का बड़ा फैसला, गन्ना आपूर्ति नीति में क‍िए बड़े बदलाव; क‍िसानों को म‍िलेंगे नए लाभ

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:35 PM (IST)

    गन्ना किसानों के हित में उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी व राज्य मंत्री संजय गंगवार के मार्गदर्शन में जारी इस नीति को कृषक हितैषी बताया जा रहा है। उप गन्ना आयुक्त मुरादाबाद हरपाल सिंह ने मंगलवार इसकी जानकारी दी।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। गन्ना किसानों के हित में उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी व राज्य मंत्री संजय गंगवार के मार्गदर्शन में जारी इस नीति को कृषक हितैषी बताया जा रहा है।

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    उप गन्ना आयुक्त, मुरादाबाद हरपाल सिंह ने मंगलवार इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई नीति में गन्ना समिति के नए कृषक सदस्यों को पहली बार विशेष लाभ दिया गया है। उन्हें संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा जिले की गन्ना उत्पादकता का 70 प्रतिशत, इनमें से जो अधिक हो, उस सीमा तक सट्टा का लाभ मिलेगा। प्रदेश में हर साल लगभग दो लाख नए किसान समिति के सदस्य बनते हैं। इस निर्णय से उन्हें सीधे लाभ होगा।

    नीति में लघु महिला किसानों और अति लघु कृषकों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। छोटे गन्ना किसानों (81 क्विंटल सट्टा धारक) को पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से तीन पक्ष में और पौधा गन्ने की पर्चियां सात से नौ पक्ष में दी जाएंगी। इससे प्रदेश के 13.12 लाख छोटे किसान लाभान्वित होंगे। पहली बार अति लघु किसानों (36 क्विंटल या चार पर्ची) और लघु महिला कृषकों (81 क्विंटल या नौ पर्ची) को पेड़ी और पौधा अनुपात 52:48 से मुक्त करते हुए शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रारंभिक पक्षों में दी जाएंगी। इस निर्णय से 3.75 लाख अति लघु किसान और 6268 महिला कृषक लाभान्वित होंगे।

    पेराई सत्र 2025-26 में पहली बार यांत्रिक हार्वेस्टिंग के लिए आवेदन करने वाले कृषकों को पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा दी जाएगी। इससे मजदूरों की कमी के बीच किसानों को खेती में सुविधा मिलेगी। साथ ही, जो किसान केवल पेराई सत्र 2024-25 में ही गन्ना आपूर्ति कर पाए थे, उनके कोटा का निर्धारण औसत या उस वर्ष की आपूर्ति, जो भी अधिक हो, उसके आधार पर किया जाएगा। नई आपूर्ति नीति से सरकार का प्रयास है कि चीनी मिलों को समय पर गन्ना उपलब्ध हो और किसानों को भी उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले सके।

    गन्ना किस्म को.15023 को प्राथमिकता

    गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित किस्म को.15023 की शीघ्र परिपक्वता को देखते हुए इसे अगेती संवर्ग में रखा गया है। इसके तहत पेड़ी गन्ने की पर्चियां एक से दो पक्ष में और पौधा गन्ने की पर्चियां सात से आठ पक्ष में जारी की जाएंगी। इस निर्णय से लगभग 3.66 लाख किसान लाभान्वित होंगे और चीनी मिलों को उच्च रिकवरी दर से फायदा होगा।

    नए सदस्यों और बड़े किसानों के लिए सुविधा

    जिन नए सदस्यों के पास पेड़ी या शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां पहली बार पांचवें से 12वें पक्ष में लगाई जाएंगी। जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां गत वर्ष की तरह सातवें पक्ष से दी जाएंगी। इससे लगभग एक लाख नए किसान लाभान्वित होंगे। बड़े किसानों के लिए भी सुविधा दी गई है। 2500 क्विंटल या उससे अधिक बेसिक सट्टा धारकों को एक कालम में अधिकतम आठ पर्चियां दी जा सकेंगी।

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