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    'घूंघट असली, दुल्‍हन नकली', मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा; रहनुमा की शादी ने खोला सरकारी मंडप का सच

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 02:10 PM (IST)

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भगतपुर टांडा ब्लॉक की जांच ने यह खुलासा कर दिया है कि गरीब बेटियों की शादी के नाम पर फर्जीवाड़े का पूरा नेटवर्क सक्रिय था। फर्जी शादी घोटाले की जांच रिपोर्ट में 20 से अधिक ऐसी दुल्हनों के नाम सामने आए हैं जो या तो पहले से शादीशुदा थीं, रिश्ता तय नहीं हुआ था, या खुद विवाह समारोह में शामिल ही नहीं हुईं।

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    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भगतपुर टांडा ब्लॉक की जांच ने यह खुलासा कर दिया है कि गरीब बेटियों की शादी के नाम पर फर्जीवाड़े का पूरा नेटवर्क सक्रिय था। फर्जी शादी घोटाले की जांच रिपोर्ट में 20 से अधिक ऐसी दुल्हनों के नाम सामने आए हैं जो या तो पहले से शादीशुदा थीं, रिश्ता तय नहीं हुआ था, या खुद विवाह समारोह में शामिल ही नहीं हुईं।

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    इनमें बहेड़ी, कुकुरझुंडी, रानीनांगल और दौलपुरी बमनिया जैसे गांवों की महिलाओं के नाम प्रमुखता से दर्ज हैं। यह शादी के नाम पर फरेब है। घूंघट असली ,दुल्हन नकली सामने आई हैं।

    इस घोटाले में चार ग्राम विकास अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने बिना मौके के सत्यापन के लाभार्थियों की सूची पर हस्ताक्षर किए लेकिन, उनमें जोड़े फर्जी निकले। कई फाइलों में प्रपत्र ही फर्जी पाए गए हैं।

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 27 जनवरी 2025 को भगतपुर टांडा ब्लॉक में आयोजित विवाह कैम्प में जब रहनुमा नामक युवती का नाम सामने आया, लेकिन जांच ने जो खुलासा किया, उसने पूरे जिले के समाज कल्याण विभाग की नींद उड़ा दी।

    रहनुमा की शादी उसके जीजा के साथ फाइलों में दर्ज की गई थी, जबकि जमीनी स्तर पर ऐसा कोई विवाह हुआ ही नहीं। यही घटना पूरे घोटाले का मोड़ बनी। एआर सहकारिता अमरेंद्र कुमार की जांच रिपोर्ट के मुताबिक रहनुमा का रिश्ता तय नहीं हुआ था, फिर भी उसके नाम पर सामूहिक विवाह योजना का लाभ दिखाकर धन निकासी की गई।

    18 और 27 जनवरी 2025 को आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के लिए आए आवेदनों की जांच के नाम पर भी खेल हुआ। कुछ नाम ऐसे थे, जिनका रिश्ता तय ही नहीं हुआ था। वहीं कई मामलों में लाभार्थियों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिन लाभार्थियों की शादी वर्ष 2024 में ही हो चुकी थी, उनके नाम 2025 की सामूहिक विवाह सूची में भी चढ़ा दिए गए और उन्हें फिर से 35 हजार उनके खातों में पहुंच गए। शिकायतकर्ता की मांग है कि जिले भर में हुई शादियों की जांच कराई जाए। इससे बड़ा घोटाला सामने आने की उम्मीद है।

    फर्जी शादियां करने वाली महिलाएं

    नसीम जहां (बहेड़ी) — पहले से शादीशुदा।

    शाईस्ता जहां (बहेड़ी) —पहले से शादीशुदा।

    साजिया (कुकुरझुंडी) — नवंबर 2024 में शादी हो चुकी।

    प्रियंका (कुकुरझुंडी) — दिसंबर 2024 में शादी हो चुकी।

    मुस्कान (बिलावाला) — दिसंबर 2024 में विवाह, फिर भी लाभ लिया।

    नीतू (चतरपुर) - नवंबर 2024 में शादी हो चुकी थी।

    आशिया (लखननपुर) दाे बड़ी बहनों की शादी भी नहीं हुई है।

    राबिया (सेहल) अभी तक रिश्ता ही तय नहीं हुआ है।