पार्किंग या 'खतरे का गोदाम': मुरादाबाद स्टेशन पर 'कंडम' हो रहे 2 दर्जन से अधिक लावारिस वाहन
मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर 2 दर्जन से अधिक लावारिस वाहन 'कंडम' हो रहे हैं, जिससे स्टेशन परिसर पार्किंग या खतरे के गोदाम जैसा लग रहा है। ये वाहन स्टेशन ...और पढ़ें
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मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर सालों से लावारिस हालत में खड़े कंडम वाहन
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। दिल्ली विस्फोट के बाद भले ही देश की एजेंसी से लेकर अलग-अलग प्रदेशों और जिलों की पुलिस अलर्ट है, लेकिन मुरादाबाद जीआरपी पुलिस सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं बरत रही है। दिल्ली में भी जिस कार में विस्फोट हुआ था वह काफी देर तक पार्किंग में खड़ी रही थी, लेकिन मुरादाबाद रेलवे स्टेशन की पार्किंग में दो दर्जन से अधिक वाहन लावारिश हालत में कई वर्षों से खड़े हुए है।
इसके बाद भी जीआरपी पुलिस ने उन वाहन स्वामियों का पता लगाने का भी प्रयास नहीं किया। अब वह वाहन वहीं पर कंडम हो गए है। जबकि पार्किंग में खड़े वाहनों को अगर सात दिन बाद कोई लेने नहीं आता तो नियमानुसार सात दिन बाद उसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए। मंगर, मुरादाबाद जीआरपी पुलिस ऐसा नहीं कर रही है।
अक्सर रेल से यात्रा करने वाले अधिकांश यात्री अपने वाहनों को रेलवे स्टेशन की वाहन पार्किंग में खड़ा कर जाते हैं। यात्रा के बाद वह अपने वाहन को वापस ले जाते हैं। लेकिन, मुरादाबाद रेलवे स्टेशन की वाहन पार्किग में दो दर्जन से अधिक वाहन ऐसे हैं। जिनके मालिक कई सालों से नहीं लौटे। रेलवे स्टेशन पर बनी पार्किंग के ठेकेदार के अनुसार कई बाइक सालों तक खड़े होने की वजह से बिल्कुल खराब हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि वाहन मालिक हादसों का शिकार हो जाते है। जिस वजह से वह नहीं लौट पाते हैं। तो कई लोगों की पर्ची खो जाती है और उनके पास पेपर नहीं होते। तो इस तरह की बाइक भी इनमें शामिल हैं। नियमानुसार एक सप्ताह तक जिनके मालिक वाहन लेने नहीं आते हैं।
उनकी जानकारी जीआरपी को दी जाती है। जिसके बाद इनके मालिकों को तीन बार नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद भी अगर वह वाहन लेने नहीं आते हैं। तब इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है, लेकिन मुरादाबाद रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़े वाहनों की कई साल बाद भी नीलामी नहीं कराई गई है।
फिर तो कोई सुरक्षा पर भी लगा सकता हैं सेंध
जिस तरह रेलवे स्टेशन की पार्किंग में दो दर्जन से अधिक बाइक कई सालों से खड़ी है और जीआरपी पुलिस को उस तरफ कोई ध्यान नहीं है। इसके बाद सवाल खड़े होने शुरू हो गए है कि ऐसे तो कोई भी सुरक्षा में सेंध लगा सकता है। क्योंकि रेलवे स्टेशन पर तमाम वाहन खड़े रहते हैं, लेकिन जीआरपी पुलिस उन वाहन चालकों के साथ टोकाटाकी करती हुई कभी भी नजर नहीं आती है।
जो भी वाहन पार्किंग में लंबे समय से खड़े हैं उनके स्वामियाें का आरटीओ विभाग की मदद से पता लगाकर नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी।
- रविंद्र वशिष्ठ, प्रभारी थाना जीआरपी
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