Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Panchayat Election : पत्‍नी को ग्राम प्रधान बनवाने के ल‍िए खेल, मतदान से पहले बांटा था फर्जी चेक, दो संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jul 2021 11:34 AM (IST)

    ग्राम पंचायत चुनाव में दौरान मतदान से एक दिन पहले शौचालय बनवाने के नाम पर फर्जी चेक देकर पत्नी को ठिरियादान गांव की प्रधान बनवाना भारत स्वच्छ मिशन के भगतपुर टांडा ब्लाक के कोआर्डिनेटर को महंगा पड़ गया।

    Hero Image
    वोटरों को फर्जी चेक देकर पत्नी को प्रधान बनवाना पड़ा महंगा।

    मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। ग्राम पंचायत चुनाव में दौरान मतदान से एक दिन पहले शौचालय बनवाने के नाम पर फर्जी चेक देकर पत्नी  को ठिरियादान गांव की प्रधान बनवाना भारत स्वच्छ मिशन के भगतपुर टांडा ब्लाक के कोआर्डिनेटर को महंगा पड़ गया। जिला पंचायत राज अधिकारी ने जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर ब्लाक कोआर्डिनेटर और उसके साथ कंप्यूटर आपरेटर की संविदा समाप्त कर दी। इसके अलावा दोनों के खिलाफ और भी कार्रवाई होनी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ग्राम ठिरियादान निवासी राजपाल सिंह भारत स्वच्छ मिशन में ब्लाक भगतपुर टांडा के कोआर्डिनेटर थे। उनका सगा चचेरा भतीजा विशेष कुमार ब्लाक में ही कंप्यूटर आपरेटर के तौर पर संविदा कर्मी था। पंचायत चुनाव में राजपाल सिंह ने अपनी पत्नी सुरजा देवी को अपनी ग्राम पंचायत में प्रधान पद के लिए पर्चा दाखिल करा दिया। आरोप है कि चाचा-भतीजे ने ब्लाक के कर्मचारियों से साठगांठ करके शौचालय निर्माण के लिए 40 अपात्राें की सूची फीड करा दी। इतना ही नहीं दोनों ने ब्लाक के स्टाफ से मिलकर आचार संहिता के दौरान ही अपात्रों के खाते में धन डाल दिया। खंड विकास अधिकारी भगतपुर टांडा ने जांच की। जांच के दौरान एडीओ पंचायत चंद्रपाल सिंह की भूमिका भी संदिग्ध मिली। शौचालयों के धनराशि देने के लिए जो सूची बनी उस पर तत्कालीन प्रधान और सचिव के हस्ताक्षर फर्जी हैं। इतना ही नहीं राजपाल सिंह ने पत्नी को चुनाव जिताने के लिए 27 अप्रैल की रात को 12-12 हजार के चेक बांट दिए। लालच में आकर वोटरों ने उनकी पत्नी के पक्ष में मतदान कर दिया और वह चुनाव जीत गईं। यह आरोप जांच के दौरान पुष्ट भी हो गए। जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जांच के दौरान यह बात साफ हो गई कि राजपाल सिंह और उनके भतीजे विशेष कुमार सिंह ने ग्रामीणों को शौचालय बनवाने के लिए चेक दिए हैं। इसलिए नैसर्गिक न्याय से सिद्धांत को दृष्टिगत रखते हुए राजपाल सिंह और उसके भतीजे की संविदा सेवा समाप्त की जाती है। दोनों पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो रही है। इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

    यह भी पढ़ें :-

    Cartridge Scam : यूपी के चर्चित कारतूस घोटाले में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल तलब, 30 को होगी सुनवाई

    प्रेम‍िका से म‍िलने की ऐसी ललक, युवक ने साड़ी पहन क‍िया पूरा श्रृंगार, घूंघट हटते ही मच गया चोर का शोर

    Cyber Crime : फेसबुक चलाते हैं तो जान लीज‍िए ये जरूरी बातें, इस तरह पता लगाएं कौन इस्‍तेमाल कर रहा आपकी आइडी