Moradabad News: असम से फाइनेंस पर खरीदकर ला रहे थे ट्रेक्टर, तीन तस्करों को पुलिस ने दबोचा
मुरादाबाद में ट्रैक्टर तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो असम से फाइनेंस पर लिए ट्रैक्टर सस्ते दामों पर खरीदकर उत्तर प्रदेश में बेचता था। इस मामले में तीन आरोपित गिरफ्तार हुए हैं और छह ट्रैक्टर बरामद किए गए हैं। गिरोह सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी वाले ट्रैक्टरों को धोखाधड़ी से बेचता था।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। अवैध रूप से ट्रैक्टरों की तस्करी और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का एक बड़ा मामला मुरादाबाद में उजागर हुआ है। पाकबड़ा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो असम से फाइनेंस पर लिए ट्रैक्टरों को वहां के लोगों सस्ते दामों पर खरीदकर उन्हें उत्तर प्रदेश में ऊंचे दामों पर बेचता था। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है और छह ट्रैक्टर बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, गिरोह का सरगना आशीष मल्होत्रा है, जो सहारनपुर में ट्रैक्टर रिपेयरिंग का गैराज चलाता है। उसके साथ पकड़े गए अन्य दो आरोपी मुरादाबाद के मैनाठेर क्षेत्र के रसूलपुर निवासी मोहम्मद रिजवान और संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र के मंसूरपुर गांव का रहने वाला मोहम्मद जुनेद है।
ये आरोपित असम से ट्रैक्टर फाइनेंस करवाकर उन्हें स्थानीय लोगों से सस्ते दामों में खरीद लेते थे। फिर इन ट्रैक्टरों को यूपी लाकर नकली दस्तावेजों की मदद से उन्हें महंगे दामों पर अलग-अलग जिलों में बेचते थे। इस बार भी आरोपित दो बड़े कंटेनरों में छह ट्रैक्टर लादकर सहारनपुर ले जा रहे थे।
सूचना के आधार पर पाकबड़ा पुलिस ने इन कंटेनरों को रोका और तलाशी लेने पर ट्रैक्टर बरामद किए गए। पूछताछ में सामने आया कि ये गिरोह पहले भी कई बार ट्रैक्टरों की इसी तरह तस्करी कर चुका है।
खास बात यह है कि इन ट्रैक्टरों को सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी और फाइनेंस की सुविधा से खरीदा गया था, जिसका उद्देश्य छोटे किसानों को सशक्त बनाना था, लेकिन इन योजनाओं का लाभ उठाकर आरोपित धोखाधड़ी कर रहे थे।
इन ट्रैक्टरों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के उत्तर प्रदेश में बेचकर मुनाफा कमा रहे थे। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि गिरोह द्वारा उपयोग किए जा रहे फर्जी कागजात, दस्तावेजों की प्रतियां, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं।
पुलिस अब इस मामले की तह में जाकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और अब तक कितने ट्रैक्टरों की तस्करी हो चुकी है।
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