मुजफ्फरनगर में 50 लाख रिश्वत मांगने के आरोप में राज्यकर अधिकारी निलंबित, राज्यमंत्री के हस्तक्षेप पर हुई कार्रवाई
Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में राज्यकर अधिकारी हिमांशु सुधीर लाल को 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन पर उद्यमियों को ब्लैकमेल करने का आरोप है। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के हस्तक्षेप के बाद जीएसटी आयुक्त ने यह कार्रवाई की है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। उद्यमी को टैक्स में गड़बड़ी एवं छापा मारने का भय दिखाकर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपित राज्यकर अधिकारी को जीएसटी आयुक्त लखनऊ ने निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय जांच आरंभ की गई है। आरोप है कि राज्यकर अधिकारी ने विभागीय पोर्टल से उद्यमियों का डाटा चोरी किया था। वहीं, निलंबित अधिकारी के विरुद्ध आइआइए ने एफआइआर दर्ज करने की मांग रखी है।
राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने गंभीरता से लिया था मामला
कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने उद्यमी से 50 लाख की रिश्वत मांगने की शिकायत को गंभीरता से लिया और प्रमुख सचिव एम. देवराजन, लखनऊ जीएसटी कमिश्नर, जीएसटी के मेरठ मंडल के आयुक्त डा. नितिन बंसल से फोन पर वार्ता कर दोषी राज्य कर अधिकारी हिमांशु सुधीर लाल के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा था।
उन्होंने इस कृत्य को प्रदेश सरकार की जीरो टालरेंस नीति के विरुद्ध बताया और इससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया। विभागीय रिपोर्ट और राज्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद राज्यकर अधिकारी को निलंबित कर दिया है। वह मुजफ्फरनगर से तत्काल हटाए दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय संयुक्त आयुक्त सिद्धेश चंद्र दीक्षित ने रिश्वत मांगने के आरोपित राज्यकर अधिकारी हिमांशु सुधीर लाल के विरुद्ध जांच शुरू कराई है। वह पोर्टल ने उद्यमियों, व्यापारियों और कारोबारियों का डाटा चोरी कर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे।
टैक्स में गड़बड़ी और छापेमारी का भय दिखायाटै
आइआइए अध्यक्ष अमित जैन ने बताया था कि जीएसटी विभाग के राज्य कर अधिकारी हिमांशु सुधीर लाल ने श्रीसनमति एक्जाइम प्राइवेट लिमिटेड के स्वामी से टैक्स में गड़बड़ी और छापेमारी का भय दिखाकर अवैध रूप से उगाही की मांग की। आरोप है कि उद्यमी से 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांगी गई। सौदेबाजी कर 10 लाख रुपये नकद और हर सप्ताह 50 हजार रुपये में देने की मांग रखी थी। स्वयं को वरिष्ठ अधिकारी बताने के साथ एक व्यक्ति को अपने भाई के रूप में पेश किया। दोनों ने मिलकर उद्यमी को धमकाया है।
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आइआइए ने बताया संगठित रैकेट
आइआइए के पदाधिकारियों ने जीएसटी विभाग के स्थानीय और उच्च अधिकारियों को शिकायत देकर कहा कि यह घटनाक्रम एक संगठित वसूली रैकेट का दर्शा रहा है। यह केवल एक उद्यमी तक सीमित नहीं है, बल्कि कई व्यापारियों को इसी तरीके से डराया गया है। संगठन ने जीएसटी राज्य कर अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच कराने की मांग की है।
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