म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर 'साइबर गुलामी' के शिकार 250 भारतीय को राहत, आज पहुंचेंगे हिंडन एयरपोर्ट
म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर साइबर गुलामी के शिकार 250 भारतीय नागरिक आज हिंडन एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। केके पार्क नामक स्थान पर इन्हें साइबर ठगी के लिए मजबूर किया गया था। सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ करेंगी और उनके जिलों में भेजेंगी। मार्च 2025 में भी 540 भारतीयों को इसी तरह बचाया गया था।

म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर साइबर गुलामी के शिकार 250 भारतीय नागरिक आज हिंडन एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे।
मुनीश शर्मा, नोएडा। साइबर गुलामी के जाल में फंसे 250 भारतीय सोमवार को हिंडन एयरपोर्ट पर उतरेंगे। म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित सबसे कुख्यात ठगी के अड्डे केके पार्क में इन्हें नौकरी की आड़ में साइबर ठगी के लिए मजबूर किया जा रहा था। हिंडन एयरपोर्ट पर उतरने पर साइबर सुरक्षा टीम प्रत्येक व्यक्ति से पूछताछ करेगी।
उसके बाद ही उन्हें संबंधित जिले की साइबर टीम को सौंपा जाएगा। कड़ी निगरानी रखी जाएगी। कभी जुए के अड्डे के रूप में जाना जाने वाला म्यांमार-थाईलैंड सीमा क्षेत्र अब साइबर ठगी के अड्डे के रूप में उभर रहा है। ये अड्डे बनाए और किराए पर दिए जा रहे हैं। विशाल परिसरों में कर्मचारियों के लिए आवास, खरीदारी और मनोरंजन की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
विदेशों से साइबर ठगी की शिकायतों के बाद, संबंधित देश सेना के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। हाल ही में सेना ने केके पार्क पर छापा मारा था, जहां भारतीयों के अलावा चीनी, फिलिपिनो, वियतनामी, इथियोपियाई और केन्याई नागरिकों को बचाया गया था।
इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 250 भारतीय सोमवार को हिंडन एयरपोर्ट पर उतरेंगे। इनमें उत्तर प्रदेश के 34 युवक शामिल हैं। नोडल अधिकारी एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि संबंधित जिलों के साइबर सुरक्षा अधिकारियों को सूचित कर बुलाया गया है। पूछताछ के बाद, उन्हें संबंधित जिलों में तैनात किया जाएगा।
साइबर जालसाजों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी
साइबर सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, सभी युवकों से उनके नाम, पते और साइबर धोखाधड़ी के उनके तरीकों सहित सामान्य जानकारी के बारे में पूछताछ की जाएगी। युवकों से जालसाजों के साथ उनके संपर्क, उनकी यात्राओं और विदेश में काम करने के उनके तरीकों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
65 से अधिक सवाल पूछे जाएंगे
- वे कब और कैसे जालसाजों के संपर्क में आए?
- उन्हें विदेश भेजने की प्रक्रिया कैसे की गई?
- वे वहाँ कहाँ ठहरे, खाने-पीने की व्यवस्था कैसे की गई, और उन्हें क्या काम सौंपा गया, जैसे कि कॉल करने वाला या कोई अन्य काम।
- पीड़ितों से धोखाधड़ी करने के बाद पैसे कैसे खर्च किए गए, और पूरा लेन-देन कैसे किया गया?
- मुख्य खाता क्या था? उनका वेतन कितना था? वे घर पैसे कैसे भेजते थे?
- कौन सा नेटवर्क या वाई-फ़ाई इस्तेमाल किया जाता था?
- गिरोह का मुख्य सरगना कौन था और कितने गिरोह और सदस्य थे?
- अपराध करने का तरीका क्या था?
- किस ईमेल आईडी वगैरह का इस्तेमाल किया जाता था?
मार्च 2025 में 540 भारतीय पहुंचे
गाजियाबाद पुलिस के अनुसार, थाईलैंड-म्यांमार सीमा पर स्थित म्यावड्डी घोटाला परिसर में सेना के साथ एक संयुक्त अभियान के बाद मार्च 2025 में 540 भारतीयों को साइबर गुलामी से मुक्त कराया गया। इन सभी को हिंडन हवाई अड्डे पर लाया गया और उनके संबंधित ज़िलों में भेज दिया गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।