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    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के आदेश पर लगाई रोक, रियल एस्टेट डेवलपर सनवर्ल्ड सिटी को दी थी राहत

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 12:01 AM (IST)

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रियल एस्टेट डेवलपर सनवर्ल्ड सिटी को राहत देने वाले राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक ...और पढ़ें

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    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें रियल एस्टेट डेवलपर सनवर्ल्ड सिटी को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद में राहत दी गई थी। इसमें 14 साल की शून्य अवधि की छूट और अविवादित भूमि पर पट्टों के निस्तारण से संबंधित निर्देश शामिल थे।

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    न्यायमूर्ति अरुण कुमार ने तीन दिसंबर को यीडा द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया। इसमें राज्य सरकार के दो जुलाई के फैसले को चुनौती दी गई थी, जो उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 41(3) के तहत जारी किया गया था। न्यायालय ने विवादित सरकारी आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित रखा और सनवर्ल्ड सिटी को नोटिस जारी किया था।

    सभी प्रतिवादियों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया। राज्य सरकार द्वारा पारित दो जुलाई, 2025 के विवादित निर्णय का प्रभाव और संचालन स्थगित रहेगा। यीडा ने टाउनशिप परियोजना के लिए सेक्टर 22डी में सनवर्ल्ड सिटी को 2011 में लगभग 103 एकड़ जमीन आवंटित की थी। लगभग 38 एकड़ जमीन पर विवाद के कारण यीडा के भौतिक कब्जे में नहीं थी। यीडा ने लीज प्रीमियम जमा न करने का हवाला देते हुए आवंटन रद्द कर दिया।

    इसके बाद डेवलपर ने 2012 में उच्च न्यायालय का रुख किया। यीडा ने 14 सितंबर, 2012 को लगभग 65 एकड़ जमीन के लिए लीज डीड निष्पादित कर दी। यीडा ने उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से प्रभावित क्षेत्र पर 16 नवंबर, 2011 से 31 दिसंबर, 2016 तक शून्य अवधि की अनुमति भी दी। 24 अप्रैल, 2024 को मांग पत्र जारी किया, जिसमें सनवर्ल्ड सिटी को लीज प्रीमियम का 25 प्रतिशत भुगतान करके परियोजना को पुनर्जीवित करने का अवसर दिया गया था।