BSF जवान शिवानी प्रजापति ने रचा इतिहास: रजत जीतने पर मिला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन, वर्ल्ड कप में स्वर्ण पर नजर
बीएसएफ जवान शिवानी प्रजापति ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा। उन्हें इस उपलब्धि के लिए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला है। अब शिवानी का लक्ष्य वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतना है, जिसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं। बीएसएफ उन्हें पूरा सहयोग दे रहा है।

कांस्टेबल शिवानी को 5 महीने में पदोन्नति। इमेज सोर्स- @BSF_India
रंजीत मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। दादरी के कटैडा मोड़ की रहने वाली वुशु खिलाड़ी व बीएसएफ की जवान शिवानी प्रजापति ने परिवार की माली हालत और मुश्किलों को हराकर नया कीर्तिमान बनाया है। शिवानी प्रजापति के प्रमोशन की सूचना मिलते ही घर पर बधाई देने लोग जुटने लगे। भैया दूज के मौके पर शिवानी के घर दीपावली जैसी खुशियां मनाई गईं।
पड़ोसी समेत रिश्तेदारों का भी घर पर आना शुरू हो गया। सबने शिवानी के पिता रविंद्र प्रजापति व मां मिथलेश को बेटी की सफलता और प्रमोशन की बधाई दी। बृहस्पतिवार को प्रमोशन की सूचना मिलते ही काफी संख्या में गांव समेत दादरी क्षेत्र के खेल प्रेमी भी शिवानी के घर बधाई देने पहुंचे व उनके पिता को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया।
शिवानी ने एक जून को खेल कोटे से बीएसएफ में ज्वाॅइन किया और सितंबर में रजत जीतकर बीएसएफ और देश का नाम रोशन किया। इस उपलब्धि के लिए बृहस्पतिवार को डीजी बीएसएफ ने आउट आफ टर्म प्रमोशन देकर कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बनाया। दीपावली पर मिली इस खुशी ने न सिर्फ शिवानी प्रजापति के परिवार में मिठास घोल दी, बल्कि दादरी क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों के लिए भी मिसाल बनीं।
परिवार की आर्थिक हालत खराब
शिवानी के परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब है। उनके पिता रविंद्र प्रजापति बढ़ई हैं। मां मिथलेश कास्मेटिक की दुकान चलाती हैं। जिससे परिवार चलता है। बड़ी बहन नेहा की शादी हो चुकी है। छोटा भाई शिवम व बहन भारती अभी पढ़ाई कर रहे हैं। शिवानी ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे माता-पिता का हाथ है। जिन्होंने कोच के कहने पर मुझे खेलने का मौका दिया। स्कूल में अन्य बच्चों को खेलते हुए देखकर मैंने भी खेलना शुरू किया। अपनी बहन की सफलता पर उनके भाई-बहन ने भी गर्व जताया।
2016 में तमिलनाडु में जीता पहला पदक
शिवानी प्रजापति ने पहला कांस्य पदक साल 2016 में तमिलनाडु में आयोजित नेशनल वुशु में जीता। इसके बाद परिवार व कोच का विश्वास बढ़ा। यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा। पिता रविंद्र प्रजापति ने बताया कि शिवानी पढ़ाई के साथ घरेलू काम में भी माहिर हैं। परिवार का गुजारा करने के लिए मैंने भैंस खरीदी, डेरी का काम शुरू किया, जिसमें शिवानी पढ़ाई के साथ पशुओं की भी देखभाल करती थी।
इसके बाद मां के साथ काॅस्मेटिक की दुकान में भी हाथ बंटाती थी। ब्लू डायमंड स्कूल के चेयरमैन अनिल नागर ने सुविधाएं मुहैया कराई और कोच अमित रौसा ने अपने अनुभव से सींचकर राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाया। इसके बदौलत खेल कोटे के तहत एक जून को उन्होंने बतौर कांस्टेबल बीएसएफ को ज्वाइन किया और 155 बटालियन पंजाब से जुड़ी हैं। मौजूदा समय में वह बीएसएफ कैंप छावला दिल्ली में हैं। दीपावली की खुशियों को उन्होंने अपने परिवार के साथ ही सेलिब्रेट किया।
वर्ल्ड कप में स्वर्ण जीतना है लक्ष्य
बीएसएफ की जवान शिवानी प्रजापति ने कहा, "सितंबर 2025 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इसी के आधार पर आज मुझे हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति मिली। सेवा ज्वाइन करने के सिर्फ पांच महीने हुए हैं। मैं रोज चार घंटे अभ्यास करती हूं। मेरा अगला लक्ष्य अगले साल मई-जून में प्रस्तावित विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का है।"

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