10 साल बाद बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर फिर गूंजेगी रफ्तार, जापान सुपर फॉर्मूला रेसिंग की तैयारी शुरू
ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर 10 साल बाद जापान सुपर फॉर्मूला रेसिंग की तैयारी शुरू हो गई है। सर्किट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठित मोटरस्पोर्ट्स प्रतियोगिता के आयोजन से देश में रेसिंग के प्रति रुचि बढ़ेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (फाॅर्मूला वन सर्किट) पर रफ्तार का रोमांच फिर लौट सकता है। 2013 के बाद से एफ वन रेस का आयोजन न होने के कारण जंग खा रहे सर्किट के ढांचे के संवार कर जापान सुपर फॉर्मूला रेसिंग के आयोजन के लिए यीडा का प्रयास रंग ला सकता है।
पहली बार जापान फॉर्मूला वन रेसिंग के आयोजन की संभावनाएं तलाशने के लिए जापान रेस प्रमोशन कारपोरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने बृहस्पतिवार को यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह के साथ बैठक की। प्रतिनिधिमंडल ने फॉर्मूला वन सर्किट जाकर निरीक्षण किया और रेसिंग के लिए मौजूदा ढांचे, सुविधाओं की जानकारी ली।
एफ वन के प्रशंसक दुनिया भर में है। दुनिया के चुनिंदा देशों में होने वाली एफ वन रेस जब 2011 में पहली बार भारत मेंं बुद्ध सर्किट पर आयोजित की गई तो आम से लेकर खास लोग रफ्तार का रोमांच देखने के लिए खिंचे चले आए। उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय खेल के आयोजन को लेकर दुनिया के नक्शे पर छा गया।
राजनीतिक हस्तियों से लेकर अभिनेता, उद्योगपति, कारोबारियों से लेकर खेलों के दीवाने एफ वन के आयोजन के गवाह बने। 2013 तक फॉर्मूला वन सर्किट पर रफ्तार को रोमांच कायम रहा, लेकिन विभिन्न कारणों से इसके बाद सर्किट पर रेसिंग कारों का शोर ऐसा थमा कि इस शांति को तोड़ने में दस वर्षों का समय लग गया, लेकिन फॉर्मूला वन की वापसी फिर भी नहीं हुई।
तत्कालीन मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की पहल पर एफ वन सर्किट पर पहली बार मोटो जीपी का आयोजन हुआ। खेलों के दीवानों ने इस आयोजन को भी हाथों हाथ लिया, लेकिन रेसिंग बाइक का यह रोमांच भी एक साल में ठंडा पड़ गया, जबकि प्रदेश सरकार के साथ इसके आयोजन के लिए सात साल का अनुबंध था।
करोड़ों रुपये की लागत से बने एफ वन सर्किट के जंग खा रहे ढांचे पर लाखों खर्च होने के बावजूद उसका उपयोग न होने को लेकर सरोजनी नगर से विधायक डा. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर एक कमेटी गठित करने का आग्रह व यीडा अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया था।
यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह के एफ वन सर्किट पर आयोजन को लेकर चल रहे प्रयास अब रंग लाते दिखाई दे रहे हैं। जापान के सुपर फॉर्मूला रेसिंग से बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को अपना खोया हुआ वैभव वापस मिल सकता है।
जापान रेस प्रमोशन कारपोरेशन (जेआरसी)के प्रतिनिधिमंडल में जेपीसी अध्यक्ष योशिहिसा उएनो (अध्यक्ष),तकनीकी निदेशक टकुया होरी, कारपोरेट रणनीति विभाग के ताकाशी मात्सुई और जेनकी मियुरा ने भारत में पहली बार सुपर फॉर्मूला रेसिंग को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है।
यीडा ओएसडी शैलेंद्र भाटिया के साथ एफ वन सर्किट के निरीक्षण के दौरान वह उत्साहित नजर आए। यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि सुपर फॉर्मूला रेसिंग के आयोजन से बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की दुनिया में जमी धाक दोबारा लौटेगी।
उत्तर प्रदेश दुनिया में रोमांचक खेलों के आयोजक के तौर पर मजबूती से स्थापित होगा। सुपर फॉर्मूला रेसिंग 2023 में अपने 50 वर्ष पूरा कर चुका है। एफ वन के बाद यह दुनिया में सबसे अधिक लोकप्रिय रेसिंग है।
भारत में इसके आयोजन से मोटरस्पोर्ट को प्रोत्साहन के अलावा स्पोर्ट्स टूरिज़्म और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति मिलेगी। सुपर फॉर्मूला वन के आयोजन के लिए विस्तृत चर्चा कर फैसला लिया जाएगा। आयोजन के लिए सर्किट में तकनीकी उपकरणों में बदलाव की आवश्यकता होगी। मौजूदा उपकरण काफी पुराने हो चुके हैं।
यीडा के अधिकार में एफ वन सर्किट
एफ वन सर्किट का निर्माण जेपी समूह को आवंटित 1000 हे. के एसडीजेड में किया गया है। जेपी समूह द्वारा बकाया भुगतान करने पर यीडा ने इसका आवंटन रद कर अपने कब्जे में ले लिया था। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। एफवन सर्किट में अगल-अगल स्टैंड में कुल एक लाख से अधिक लोगों की क्षमता है।

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