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    Noida Crime: क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के नाम पर इंजीनियर से 13 लाख ठगे, अधिक मुनाफे के झांसे में आया

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:02 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में एक इंजीनियर साइबर ठगी का शिकार हुआ, जहां क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर उससे 13 लाख रुपये ठग लिए गए। टेलीग्राम पर संपर्क करके ठगों ने मुनाफे का लालच दिया और एक ऐप डाउनलोड कराई। शुरुआत में मुनाफा दिखने पर इंजीनियर ने और पैसे लगाए, लेकिन बाद में कर के नाम पर और पैसे मांगे जाने पर उसे धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    क्रिप्टो करेंसी के नाम पर इंजीनियर से 13 लाख की ठगी।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। साइबर ठगों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ग्रेटर नोएडा के रहने वाले एक इंजीनियर से क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 13 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने टेलीग्राम मैसेज से संपर्क कर मुनाफा होने का झांसा दिया। मुनाफे समेत रकम नहीं निकलने पर पीड़ित को साइबर ठगी होने का अहसास हुआ। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।

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    ग्रेटर नोएडा के रहने वाले रवि मलिक इंजीनियर हैं। वह शेयर बाजार में भी रुचि रखते हैं। 24 अगस्त को टेलीग्राम पर एक मैसेज आया था। ठग ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने की योजना बताई थी। बातचीत करने पर ठग ने के वाट्सअप ग्रुप से जोड़ दिया। फिर ठगों ने बिटकाइन नाम की एक एप डाउनलोड कराई।

    रवि ने एक सितंबर को 10 हजार रुपये का निवेश कर दिया। कुछ समय में ही एप पर मुनाफा दिखने लगा। रवि ने रकम निकालकर बैंक खाते में डाली तो वह क्लिक करते ही आ गई। रवि ने विश्वास कर रकम निवेश करने का मन बनाया। फिर क्या था। जैसे-जैसे ठग कहते जाते। वैसे-वैसे रवि करता जाता।

    रवि ने 24 सितंबर तक पांच बार में 13 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने रकम निकालने का प्रयास किया तो ठग ने कर के रूप में 7.50 लाख रुपये जमा करने को बोला। यह सुनकर रवि चौक गए। उन्होंने और रकम नहीं होने से मना कर दिया। रवि के रकम नहीं देने पर ठगों ने संपर्क तोड़ लिया। रवि ने एनसीआरपी पोर्टल और साइबर क्राइम थाना पुलिस से शिकायत की।

    तीन बैंक खातों में ट्रांसफर कराई रकम : रवि ने बताया ठगों ने आइसीआइसीआइ, यश व यूटीआइ बैंक के खातों में रकम को ट्रांसफर कराया। अलग-अलग खातों में रकम लेने पर ठगों ने बताया कि धनराशि के आधार पर एप से स्वयं ही खाते की जानकारी उपलब्ध होती है। साइबर क्राइम थाना प्रभारी रंजीत कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया हैं। ठगी में संलिप्त बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। साइबर ठगों की पहचान और तलाश में टीम लगी हैं। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।

    प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें एप : एडीसीपी साइबर सुरक्षा शैव्या गाेयल ने बताया कि ठग प्ले स्टोर से इतर फर्जी एप को डाउनलोड कराते हैं। अगर कोई भी अनजान प्ले स्टोर से अलग एप डाउनलोड कराता है तो सतर्क होने की जरूरत है। ठग वाट्सअप पर लिंक भेजकर ऐसा फर्जीवाड़ा करते हैं।