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    दिल्ली-NCR से गाड़ियां चुराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 10 कार के 50 लाख कीमत के कटे पार्ट्स और दो कार बरामद

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 10:59 AM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में गाड़ी चुराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने 50 लाख रुपये के कटे हुए पार्ट्स और दो कारें बरामद की हैं। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय था और चोरी की गाड़ियों को काटकर बेचता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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    सेक्टर 113 थाना पुलिस की गिरफ्त में आरोपितों के पास से बरामद सामान। जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा। चार पहिया वाहनों को चोरी कर काटकर बेचने वाले गिरोह का सेक्टर 113 थाना पुलिस ने शनिवार को पर्दाफाश कर दिया। चेकिंग के दौरान कार सवार गिरोह के सरगना समेत चार को सेक्टर 118 से दबोचा। इनसे 10 गाड़ियों के 50 लाख रुपये कीमत के कटे पार्ट्स, चोरी की दो कार व चोरी करने में प्रयुक्त उपकरण बरामद किए। चोरी के बेचे माल से प्राप्त रकम से पुराने मुकदमों की पैरवी भी करते थे। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश व पहचान में जुटी है।

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    सेक्टर 113 थाना क्षेत्र से इको माडल की कार चोरी होने की शिकायते मिल रही थीं। एसीपी टि्वंकल जैन के दिशा निर्देशन में टीम सीसीटीवी आदि की मदद से चोरों की पहचान व तलाश में लगी थी। टीम सेक्टर 118 स्थित सुपरटेक रोमानो तिराहा कट के पास चेकिंग कर रही थी। वैगनआर और सेंट्रो माडल की दो संदिग्ध कार दिखाई दीं। दोनों कार सवार पुलिस को देखकर भागने लगे।

    पुलिस ने पीछा कर दो कार सवार चार संदिग्ध को दबोच लिया। डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि आरोपितों की पहचान बुलंदशहर सिकंदराबाद के सरायघासी गांव के मोनू उर्फ यशवीर व जगन यादव, जहांगीरपुर के शाहपुरियान मोहल्ले के इमरान व अलीगढ़ के राऊपर गांव के साेहनवीर के रूप में हुई। मोनू 12वीं, इमरान छठीं, जगन व सोहनवीर 8वीं पास हैं।

    पूछताछ में पता चला है कि गिरोह का सरगना मोनू उर्फ यशवीर है। इमरान और साेहनवीर कबाड़ी हैं। माेनू गिरोह के साथ रात में वाहन चोरी करने निकलता था। पार्किंग, मेन रोड, होटल के बाहर खड़ी गाडियों की रेकी करते। मौका पाकर इको माडल की कार की ड्राईवर साइड का खिड़की का लाक उपकरणों से तोड़ देते और डैसबोर्ड के नीचे तारों में छेड़छाड़ कर वाहन चोरी कर ले जाते थे।

    चोरी की किए गए वाहनों को दिल्ली व जेवर में गोपनीय जगह ले जाकर कटवा देते। पार्ट्स को अलग-अलग कर कबाडियों को बेचते थे। इससे होने वाली आय से अपना खर्चा चलाते और शौक पूरा करते। पुलिस से बचने के लिए वारदात के समय मोबाइल का उपयोग नहीं करते।

    रकम से मुकदमों की करते पैरवी

    एडीसीपी सुमित शुक्ला ने बताया कि सरगना अभ्यस्त अपराधी है। वह 2015 से वाहन चोरी कर रहा है। जिले के अलावा बुलंदशहर के अलावा दिल्ली में वाहन चोरी कर चुका है। दिल्ली व बुलंदशहर से जेल भी जा चुका है। उस पर 18 मुकदमे दर्ज हैं। वह चोरी के माल से प्राप्त रकम का कुछ हिस्सा पुराने मुकदमों की पैरवी के लिए भी करता है।