ग्रेटर नोएडा की सोसायटी से फर्जी RAW ऑफीसर गिरफ्तार, लैपटाॅप से मिले लाल किला ब्लास्ट के वीडियो
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सूरजपुर से एक फर्जी रॉ अधिकारी को गिरफ्तार किया है। उसके पास से कई फर्जी दस्तावेज और दिल्ली ब्लास्ट के वीडियो बरामद हुए हैं। जांच में पता चला है कि वह कंपनी बनाकर शेयर मार्केट में ठगी करने की योजना बना रहा था। वह अलग-अलग जगहों पर खुद को रॉ अधिकारी या आर्मी मेजर बताता था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र की पैरामाउंट गोल्फ फारेस्टे सोसायटी से एक फर्जी राॅ अधिकारी को गिरफ्तार किया है। उसके लैपटाॅप में दिल्ली ब्लास्ट से संंबंधित वीडियो मिले हैं।
आरोपी के पास से 20 चेकबुक, फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन लेटर, आठ क्रेडिट व डेबिट कार्ड, 17 विभिन्न नामों के एग्रीमेंट, पांच पैनकार्ड, दो आधार कार्ड, तीन वोटर आईडी कार्ड, दो फार्म वोटर आईडी कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, तीन लैपटाॅप, दो टैबलेट बरामद किए हैं।
आरोपी की पहचान बिहार के जिले वैशाली के थाना भगवानपुर गांव अजोई निवासी सुनीत के रूप में हुई है। मौजूदा समय में वह पैरामाउट गोल्फ फारेस्टे सोसायटी में किराये पर रह रहा था।
एसटीएफ की जांच में सामने है कि आरोपी एक कंपनी बनाकर फर्जी तरीके से हेवी ट्रांजेक्शन करके कंपनी की कीमत को बढ़ाकर उसे शेयर मार्केट में जारी कर लोगों से करोड़ों रुपये ठगी करने की योजना बना रहा था। कंपनी से संबंधित दस्तावेज भी एसटीएफ ने बरामद किए हैं। जांच में सामने आया है कि दस्तावेजों में फोटो तो आरोपित का ही लगा है, लेकिन दस्तावेज अलग-अलग नाम से है।
खुद को बताता था राॅ अधिकारी
अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपी अलग-अलग सोसायटियों में रहता था। मंगलवार को उन्हें सूचना मिली कि पैरामाउंट सोसायटी में एक व्यक्ति कुछ संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। आरोपी कहीं पर खुद को राॅ अधिकारी तो कहीं पर आर्मी का मेजर बताता है।
एसटीएफ की टीम ने दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट की वजह से सूचना को गंभीरता से लेते हुए सोसायटी पहुंचकर छापेमारी की। फ्लैट का दरवाजा एक महिला ने खोला। इसी बीच एक व्यक्ति आया। उसने अपना नाम सुमित कुमार बताया। त
लाशी लेने पर उसमें एक आई कार्ड केबिनेट सेक्रेट्रिएट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का मिला। जिसपर सुनीत कुमार आईसी 7623 बी, रैंक ज्वाइंट सेक्रेटरी, डेजिग्नेशन डायरेक्टर (ऑपरेशन), जेआईसी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल, पुश्त पर सर्विस रिसर्च एंड एनेलसिस सर्विस, ब्लड ग्रुप ओ परजिटिव, जन्मतिथि 25 मार्च 1988, पिता का नाम बृजनंदन शाह दर्ज था।
शक होने पर एसटीएफ की टीम ने राॅ के वरिष्ठ अधिकारियों से वाॅट्सएप के माध्यम से उसकी जानकारी साझा की। पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति विभाग में कार्यरत नहीं है। आई कार्ड भी फर्जी निकाला। जिस फ्लैट में आरोपी रह रहा था, उसके मकान मालकिन मंजू गुप्ता से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके यहां किरायेदार तो मेजर अमित कुमार रहते हैं।
उन्होंने अपना पुलिस वेरिफिकेशन दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के लेटरहेड पर मेजर अमित कुमार के नाम से करवाकर उपलब्ध करवाया है। मंजू गुप्ता ने उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए वेरिफिकेशन की कापी वाॅट्सएप के माध्यम से भेजी।
पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपी ने बिहार के छपरा जिले में तैनात महिला जज से शादी की हुई है। जब महिला जज के पास फोन किया गया तो उन्होने बताया कि पति गृह मंत्रालय में कार्यरत है और गोपनीय नियुक्ति पर है। एसटीएफ की टीम ने आरोपी के खिलाफ सूरजपुर कोतवाली में मामला दर्ज करा कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

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