नई और पुरानी दिल्ली के रूट से यूपी रोडवेज ने हटाईं बसें, ग्रेटर नोएडा से राजधानी जाना हुआ मुश्किल
ग्रेटर नोएडा डिपो की 49 बसें कबाड़ होने से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। पुरानी बसें खराब होने से नई और पुरानी दिल्ली के रूट से रोडवेज बसें हटा दी गई हैं। यात्रियों को बार-बार बसें बदलनी पड़ती हैं। डिपो को नई बसें मिली हैं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं। पुरानी बसों की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है और सीधी बस सेवा शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यूपी रोडवेज के ग्रेटर नोएडा डिपो की 49 पुरानी बसें कबाड़ हो गई हैं। इसका असर नई दिल्ली व पुरानी दिल्ली समेत दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डा जाने-आने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं।
अब यात्रियों को ग्रेटर नोएडा से नोएडा सेक्टर-37 तक जाना पड़ता है। वहां से बसें बदलकर नई व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए जाना पड़ता है। इन बसों के बदले में जो नई बसें मिली हैं वह यात्रियों के दवाब के सामने नाकाफी हैं।
इसके बावजूद डिपो ने इन मार्गों पर बसों का संचालन बंद कर दिया है, जबकि इन मार्गों पर रोजाना करीब एक से डेढ़ हजार से अधिक यात्रियों का सड़क मार्ग से आना-जाना है।
बसों के ऑफ रोड होकर कबाड़ हो जाने से नई व पुरानी दिल्ली के मार्गों से यूपी रोडवेज की बसों को हटा दिया गया है। इस वजह से ग्रेटर नोएडा से नई व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन व आईएसबीटी समेत व्यापारिक गतिविधि व नौकरी के सिलसिले में दिल्ली जाने वाले यात्रियों को बार-बार बस बदलने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अपनी आयु को पूरी कर चुकी 49 कबाड़ बसों के बदले डिपो को इस साल मई में महज 15 बसें मिली हैं। इससे पहले साल 2023 में 24 बसें डिपो को मिली थी। बावजूद इसके डिपो से नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली व आईएसबीटी के लिए बस सेवा दोबारा से शुरू नहीं की जा सकी। इससे इन मार्गों पर सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। मौजूदा समय में कुल 117 बसों को विभिन्न मार्गों पर संचालित किया जा रहा है।
अपनी उम्र पूरी कर चुकी बसों के नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डिपो के बस स्टैंड के दूसरी ओर खड़ी इन बसों टायर पंक्चर, बाॅडी जंग खाने लगी है, जिसके चलते डिपो में बसों के मूवमेंट में भी परेशानी होती है।
नई व पुरानी दिल्ली समेत दिल्ली के अन्य स्थानों पर शहर से जाने आने के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं हैं। कुछ आनंद विहार तक जरूर जाती हैं, वो भी दूसरे शहरों से आती है, जो लोकल यात्री नहीं बैठाते। सीधी मेट्रो भी नहीं जाती। इस वजह से कई बार अधिक सामान व परिवार के साथ सफर करने के लिए महंगे कैब का सहारा लेना पड़ता है। जिसमें 700 से 1000 रुपये तक खर्च करना पड़ता है।
- पवन कुमार, यात्री।
पहले परी चौक व ग्रेटर नोएडा डिपो से दिल्ली के लिए सीधी बसें संचालित होती थी। इस वजह से दिल्ली तक जाना-आना आसान था। अब न सीधी बसें मिलती हैं, न सीधी मेट्रो सेवा हैं। इसके कारण दिल्ली शहर जाने-आने के लिए निजी कैब का सहारा लेना पड़ता है या बस व मेट्रो को बदल-बदल कर सफर तय करना पड़ता है।
-सुभद्रा यादव, वकील।
ग्रेटर नोएडा डिपो से रोज विभिन्न मार्गों पर 117 बसों का संचालन किया जाता है। बस का रूट नोएडा से बनता है। नोएडा डिपो की कुछ बसें दिल्ली मार्ग पर संचालित होती है। जल्द ही ग्रेटर नोएडा से भी सेवा शुरू करने का प्रयास चल रहा है।
- अनिल कुमार, एआरएम ग्रेटर नोएडा डिपो।

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