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    नोएडा में करवाचौथ पर पति ने पेश की मिशाल, पत्नी को किडनी देकर दिया जीवनदान 

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 09:03 AM (IST)

    नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में पवन रावत ने करवाचौथ पर अपनी पत्नी मनीषा रावत को किडनी दान कर जीवनदान दिया। मनीषा 2021 से क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थीं और उनकी किडनी फेल हो गई थी। परिवार के इनकार के बाद पवन ने किडनी दान करने का फैसला किया। डॉक्टरों की टीम ने 10 अक्टूबर को सफल ट्रांसप्लांट सर्जरी की।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण,संवाददाता, नोएडा। करवाचौथ का व्रत पत्नी पति की लंबी उम्र के लिए रखती है। पति पर कोई परेशानी नहीं आए,24 घंटे का निर्जला व्रत रख ईश्वर से कामनाएं करती हैं। लेकिन पत्नी को पति ने अपनो अंग का हिस्सा देकर जीवन ही उपहार में दे दिया। नोएडा के निवासी 50 वर्षीय पवन रावत ने अपनी 47 वर्षीय पत्नी मनीषा रावत को करवाचौथ पर गहने, कपड़े जैसे उपहार से भी बेहद खास तोहफा देकर उनकी जान बचाई है। पवन रावत ने पत्नी को किड्नी देकर उसे जीवन दान दिया है। पत्नी के प्रति प्रेम समर्पण इतना की स्वयं के जीवन की परवाह किए बिना किड्नी दान कर दी। उन्होंने फोर्टिस हॉस्पीटल, नोएडा में किडनी डोनेट की है।

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    बता दें कि 2021 में मनीषा रावत को क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ (सीकेडी) से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई थी। यह एक दीर्घकालिक कंडीशन होती है जिसमें हमारे गुर्दे (किडनी) शरीर में ब्लड से अपशिष्ट/कचरा पदार्थों को फिल्टर करने की क्षमता धीरे-धीरे खो देते हैं। लगातार इलाज के बावजूद, मनीषा की हालत बिगड़ती जा रही थी। उनकी किडनी अप्रैल में फेल हो गई थी। मनीषा की थेरेपी की गई। हालत में कुछ सुधर नहीं हुआ।

    डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट एकमात्र विकल्प बताया। परिवार के लोगों ने किड्नी दान करने से इंकार कर दिया था। लेकिन पति पवन रावत ने बिना किसी संकोच के कहा अपनी पत्नी का जीवन बचाना मेरा कर्तव्य है, और इस बार वे अपने शरीर का एक हिस्सा देकर अपने इस कर्तव्य को निभाएंगे।

    नेफ्रोलाजिस्ट, यूरोलाजिस्ट और एनेस्थीसियोलाजिस्टी की एक मल्टीडिसीप्लीनरी टीम के नेतृत्व में ट्रांसप्लांट सर्जरी 10 अक्टूबर को हुई। करीब 3 घंटे चली और तकनीकी रूप से रूटीन थी। हाईरिस्क सर्जरी सफल हुई।


    नेफ्रोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट डायरेक्टर डॉ. अनुजा पोरवाल ने कहा उन्हें दो बार कार्डियाक अरेस्ट भी हो चुके थे। ऐसे में ट्रांसप्लांट का विकल्प था। यह मामला इस वजह से उल्लेखनीय बन गया कि उनके पति ने डोनेशन का फैसला किया। यूरोलाजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट डायरेक्टर डॉ. पीयूष वार्ष्णेय ने कहा उनके पति की हिम्मत और अपनी जीवनसंगिनी के प्रति उनका प्रेम पूरी टीम के लिए प्रेरणा बना।