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    वर्ष 2020 में स्टेशनरी आपूर्ति में धोखाधड़ी का आरोप, कोर्ट ने कुशीनगर के Ex DPO पर केस दर्ज करने का दिया आदेश

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 10:45 PM (IST)

    कुशीनगर में वर्ष 2020 में स्टेशनरी आपूर्ति में धोखाधड़ी के आरोप के चलते कोर्ट ने पूर्व जिला पंचायत अधिकारी (डीपीओ) पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोप है कि स्टेशनरी आपूर्ति में अनियमितता हुई, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। कोर्ट ने निष्पक्ष जांच के लिए केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

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    Court-News

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतमबुद्धनगर की कोर्ट ने स्टेशनरी आपूर्ति के बाद बिल भुगतान न होने के एक मामले में दादरी पुलिस को कुशीनगर जिले के पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शशि कुमार सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश तब पारित किया गया जब जिलाधिकारी कुशीनगर द्वारा नौ माह बीत जाने के बाद भी न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोई आख्या प्रस्तुत नहीं की गई।

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    अटदारेट डिवजटफुट रिटेल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर विवेक गोयल का आरोप है कि जिला कुशीनगर के बाल विकास परियोजना अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारी उनके द्वारा सप्लाई किए गए स्टेशनरी माल के भुगतान में लगातार देरी करने के साथ धोखाधड़ी की है।

    आरोप है कि वर्ष 2020 में उनकी कंपनी ने कुशीनगर जिले की तीन तहसीलों में एल-एक कैटेगरी की स्टेशनरी की आपूर्ति की थी। इस आपूर्ति के लिए कुल 7,49,910 रुपये का भुगतान होना था। जिसे उन्होंने सरकारी अधिकारियों को समय पर सौंपा। अधिकारियों ने लगातार नए बहाने बनाकर भुगतान टालते रहे।

    न्यायालय ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश पारित किया था कि मामला पंजीकृत किए जाने से पूर्व जिलाधिकारी कुशीनगर से अनुमति प्राप्त की जाए। क्योंकि आरोपित लोकसेवक श्रेणी में आते हैं। लेकिन नौ माह बीत जाने के बाद भी जिलाधिकारी की ओर से कोई अनुमति और टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई। इस पर न्यायालय में पुनः प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

    न्यायालय ने 27 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी कुशीनगर को पुनः आदेशित किया था कि वह अपनी आख्या 17 सितंबर 2025 तक न्यायालय में प्रस्तुत करें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया था कि यदि उस अवधि में कोई आख्या प्राप्त नहीं होती है, तो यह माना जाएगा कि जिलाधिकारी की ओर से कोई आपत्ति नहीं है।

    मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि नौ माह से अधिक समय बीत चुका है, जो कानूनी सीमा से कहीं अधिक है। अतः यह माना जाएगा कि जिलाधिकारी कुशीनगर की ओर से कोई आपत्ति नहीं है। न्यायालय ने मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए थाना दादरी के प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया है कि वह इस प्रकरण में मामला दर्ज कर विवेचना करें।

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