नोएडा में एक लाख परिवारों को 10 साल बाद मिलेगी राहत, दो हफ्ते में मिलेगा पानी
नोएडा के जेपी विशटाउन में यमुना किनारे बसे एक लाख परिवारों को जल्द ही गंगाजल मिलेगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 60 करोड़ की बैंक गारंटी मिलते ही प्राधिकरण दो हफ्ते में पानी उपलब्ध कराएगा। निवासियों ने इसके लिए 10 साल लंबी लड़ाई लड़ी। कोर्ट ने भूजल दोहन पर चिंता जताई और प्राधिकरण से जवाब मांगा है। निवासियों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। जेपी विशटाउन के चार सेक्टरों में स्थित प्रोजेक्ट में एक लाख से ज्यादा की आबादी को जल्द ही गंगाजल मिलेगा। यहां के निवासी खुद भगीरथ बने। हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी। 60 करोड़ की बैंक गारंटी मिलते ही प्राधिकरण दो हफ्ते में यहां पानी उपलब्ध करा देगा। हाईकोर्ट ने इसके आदेश दे दिए हैं। प्रदेश के प्रमुख सचिव को तीन महीने में रिपोर्ट देनी होगी कि कितना काम हुआ है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
बता दें कि जेपी विशटाउन के अंतर्गत सेक्टर 128, 129, 131, 133 और 134 में एक लाख से ज्यादा की आबादी 10 साल से रह रही है। फरवरी 2002 में टीईए (ताज एक्सप्रेसवे अथॉरिटी) वर्तमान में यीडा (यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के साथ कंसेशन एग्रीमेंट हुआ था।
अथॉरिटी को विशटाउन के बाहर बिजली, पानी से लेकर अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करनी थीं, जो नहीं हुईं। पिछले साल नोएडा प्राधिकरण में पानी के कनेक्शन के लिए 40 करोड़ रुपये भी जमा किए गए थे, लेकिन पानी नहीं मिला। प्राधिकरण ने 122 करोड़ रुपये की मांग की थी। निवासियों ने जनवरी 2025 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 22 सुनवाई हुईं।
प्राधिकरण को 60 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने और गारंटी मिलने के दो हफ्ते के अंदर पानी उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। प्रमुख सचिव को तीन महीने में इस पर रिपोर्ट देनी होगी। मामले की सुनवाई जनवरी में होगी। स्थानीय निवासियों के लिए यह राहत भरा फैसला है। गंगाजल आपूर्ति न होने के कारण हजारों परिवार यहां नहीं आ रहे हैं।
बोरवेल से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का दोहन
कोर्ट ने साफ कहा कि किसी को भी पानी न देना गलत है। कनेक्शन के अभाव में भूजल का दोहन एनजीटी के नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में प्राधिकरण के खिलाफ जांच भी हो सकती है। ऐसी चेतावनी कोर्ट ने दी।
दावा क्यों नहीं किया गया?
हाईकोर्ट ने साफ कहा कि यह परियोजना एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) में है। प्राधिकरण कनेक्शन के लिए 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की मांग कर रहा है, यह दावा एनसीएलटी में क्यों नहीं किया गया?
पाइपलाइन का काम पूरा हो चुका है। गंगाजल के एक यूजीआर और दो रेनवेल आपूर्ति के लिए तैयार हैं। बैंक गारंटी मिलने के बाद, कनेक्शन के लिए आवेदन करते ही काम शुरू हो जाएगा।
-आरपी सिंह, महाप्रबंधक जल, नोएडा प्राधिकरण
केंद्र सरकार और राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत दूर-दराज के गाँवों में भी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नोएडा में भी ऐसा ही होना चाहिए।
-श्रीकुमार माहेश्वरी, निवासी एवं पर्यावरण प्रेमी
वर्तमान में जो पानी आपूर्ति किया जा रहा है वह बेहद खतरनाक है और मानव उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं है। गंगाजल उपलब्ध कराने में हो रही देरी के लिए प्राधिकरण और बिल्डर ज़िम्मेदार हैं।
-अशोक कुमार बंसल, निवासी, क्लासिक विशटाउन
इस समय आपूर्ति किए जा रहे पानी से काफ़ी परेशानी हो रही थी, यहाँ तक कि आरओ और सॉफ़्नर भी बेकार साबित हो रहे थे। खराब पानी के कारण त्वचा और बालों की हालत बहुत ख़राब थी।
-शकुंतला देवी, निवासी, विशटाउन
हम पहले दिन से ही गंगाजल के लिए प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग नगण्य रहा है। उच्च न्यायालय का आदेश सभी के हित में है।
-हरीश चंद्र अरोड़ा, निवासी, केपी-2, विशटाउन, सेक्टर-131
हम स्वच्छ जल के रूप में गंगाजल से वंचित थे। अब उच्च न्यायालय के आदेश ने यह उम्मीद जगाई है कि जीवन के अंतिम पड़ाव पर शुद्ध जल मिलने से सभी का जीवन सुखद होगा।
- अखिलेश कुमार, निवासी
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