नोएडा ने रचा इतिहास, इस मामले में बना UP का अव्वल जिला; कानपुर और गाजियाबाद को भी मिली जगह
अगस्त 2025 में गौतमबुद्ध नगर ने जीएसटी वसूली में 10.88 करोड़ रुपये के साथ उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। कानपुर और गाजियाबाद जैसे जिले भी शीर्ष योगदानकर्ताओं में शामिल रहे। एआई और डेटा विश्लेषण के माध्यम से कर चोरी पर लगाम लगाने से यह सफलता मिली। वहीं झांसी का प्रदर्शन सबसे कम रहा। कर विभाग इसे बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। अगस्त 2025 में जीएसटी और जुर्माना वसूली में उत्तर प्रदेश के 20 जोन में गौतमबुद्ध नगर राज्य कर विभाग (एसजीएसटी) ने 10.88 करोड़ राज्य कर संग्रह के साथ पहला स्थान हासिल किया है। प्रदेश भर में दूसरे स्थान पर कानपुर प्रथम रहा, जिसने 10.41 करोड़ से अधिक का राज्य कर संग्रह किया है। कानपुर द्वितीय 9.69 करोड़ रुपये राज्य कर संग्रह के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
राज्य जीएसटी विभाग की 6 सितंबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले में 18 फर्मों की जांच में 10.88 करोड़ रुपये से अधिक का कर विभागीय राजकोष में जमा कराया गया। वहीं झांसी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जहां मात्र 1.29 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ।
जिले में तैनात राज्य कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रेकी और डेटा एनालिसिस की मदद से जीएसटी चोरी का पता लगाकर कार्रवाई की गई। जून और जुलाई में भी गौतमबुद्ध नगर का प्रदर्शन शानदार रहा।
जून में 34.37 करोड़ और जुलाई में 8.76 करोड़ रुपये का राज्य कर जमा हुआ। गाजियाबाद जोन-1 ने 8.50 करोड़ और जोन-2 ने 6.99 करोड़ रुपये जमा कराए। मेरठ में 2.62 करोड़ और लखनऊ जोन-1 में 59.72 करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ।
कर संग्रह में प्रदेश के टाप पांच में रहे ये जिले
- गौतमबुद्ध नगर -10.88 करोड़
- कानपुर प्रथम - 10.41 करोड़
- कानपुर द्वितीय - 9.69 करोड़
- गाजियाबाद प्रथम - 850 करोड़
- गाजियाबाद द्वितीय - 6.99 करोड़
सचल दस्ते ने लगातार कर चोरी की रोकथाम के सराहनीय प्रयास किए हैं। लगातार जांच और कार्रवाई के कारण गौतमबुद्ध नगर कर जमा कराने के मामले में प्रदेश भर में पहले स्थान पर हैं। इसे बरकरार रखने का प्रयास है। - विवेक आर्य, अपर आयुक्त ग्रेड दो, राज्य कर विभाग गौतमबुद्ध नगर
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