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    मानसून की बारिश हरनंदी और यमुना नदियों के लिए वरदान, जानिए किसे हुआ फायदा

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 03:50 PM (IST)

    मानसून की बारिश हरनंदी और यमुना नदियों के लिए वरदान साबित हो रही है। हरनंदी नदी के पानी में पिछले तीन सालों की तुलना में इस साल ज्यादा सुधार देखने को मिल रहा है। नदी में घुली ऑक्सीजन का स्तर बढ़ने से जलीय जीवों को जीवन मिल रहा है। यमुना का जलस्तर सामान्य से अधिक बढ़ गया है हालांकि अभी खतरे के निशान से नीचे है।

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    मानसून की बारिश हरनंदी और यमुना नदियों के लिए वरदान साबित हो रही है। फाइल फोटो

    चेतना राठौर, नोएडा। मानसून की बारिश हरनंदी और यमुना के लिए वरदान साबित हो रही है। इन दिनों नोएडा में संक्रमण फैलाकर बहने वाली हरनंदी के पानी में सुधार हुआ है। इस साल हरनंदी के पानी में पिछले तीन सालों की तुलना में ज्यादा सुधार देखने को मिल रहा है।

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    उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोएडा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, बारिश से हर साल पानी में सुधार होता है, लेकिन इस मानसून में ज्यादा सुधार देखने को मिल रहा है। इन दिनों नदी में घुली ऑक्सीजन का स्तर बढ़ने से जलीय जीवों को जीवन मिल रहा है।

    जून माह में डीओ (घुलित ऑक्सीजन) 3.9 मिलीग्राम/लीटर था। जबकि जुलाई में यह 4.3 मिलीग्राम/लीटर हो गया है। यह मानक नदी के पानी में सुधार का संकेत है। इसमें बढ़ोतरी जलीय जीवों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

    बोर्ड द्वारा यमुना के पानी की हर हफ्ते और हरनंदी के पानी की हर महीने में दो बार जांच की जाती है। पानी के नमूनों की जाँच के आधार पर जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इन दिनों नदी के पानी में 2 से 3 प्रतिशत का सुधार हुआ है। यह सुधार पिछले वर्षों की तुलना में ज़्यादा है। इसके अलावा, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (COD) और बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) में भी बढ़ोतरी हुई है। इसमें यह बढ़ोतरी पानी में रसायनों की मात्रा को दर्शाती है।

    ऐसे समझें

    वर्ष माह DO BOD COD
    2025 जून 3.9 15 78
    2025 जुलाई 4.3 13 64
    2024 जून 1.4 17 80
    2024 जुलाई 2.2 22 96
    2023 जून 1.3 19 160
    2023 अगस्त 2.2 13 72

    यमुना का जलस्तर बढ़ा

    बारिश के कारण यमुना का जलस्तर सामान्य से अधिक बढ़ गया है। हालाँकि, यमुना खतरे के निशान से दो डिग्री नीचे है। शुक्रवार को यमुना का जलस्तर बढ़कर 39 हज़ार 452 क्यूसेक हो गया। जबकि एक हफ़्ते पहले यह 57 हज़ार क्यूसेक तक पहुँच गया था। यमुना का जलस्तर अभी ख़तरे के निशान तक नहीं पहुँचा है।